जबलपुर । जनता की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा तमाम संसाधन मुहैया कराए जाते है, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, लेकिन कभी कभी खुद लोगों की लापरवाही की वजह से ये संसाधन उनके लिए ही मुसीबत का सबब बन जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बीती रात सामने आया जबलपुर में, जहां मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 की लिफ्ट देर रात ऊपर जाते समय अचानक फंस गई। जिस वक्त लिफ्ट बीच रास्ते में फंसी, उस वक्त लिफ्ट में एक दो नहीं बल्कि 18 यात्री सवार थे, जो लगभग 1 घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे।
ये भी पढ़ें- नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा, 2015 में दिया था वारदात को
इस बीच घबराहट में एक बुजुर्ग महिला चक्कर आने के बाद लिफ्ट में ही गिर गई। हैरानी की बात तो ये है कि इस घटना की खबर रेल प्रशासन को तब लगी। जब लिफ्ट में फंसे एक यात्री ने अपने परिजनों को फोन कर सूचना दी। जिसके बाद लिफ्ट में बंद यात्री के परिजन स्टेशन पहुंचे और मामले की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को दी। जिसके बाद आनन फानन में लिफ्ट सुधारने के लिए निजी कंपनी के मैकेनिक को बुलाया गया और फिर मैकेनिक ने आकर लिफ्ट में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला।
ये भी पढ़ें- छात्रा ने जनपद सदस्य पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, एसपी से शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
दरअसल लिफ्ट की क्षमता 15 यात्रियों की है लेकिन इसकी जानकारी देने वाला लिफ्टमैन वह नहीं था, जिसके चलते लिफ्ट में 18 यात्री एक साथ सवार हो कर नीचे से ऊपर जा रहे थे। लिफ्ट ओवरलोड होने के चलते फंस गई हालांकि लोगों ने लिफ्ट को खोलने की काफी कोशिश की पर जब लिफ्ट नहीं खुली। जिस पर लिफ्ट में फंसे लोगों ने अपने परिजनों से बाहर निकालने मदद मांगी।
ये भी पढ़ें- प्रशासन की लापरवाही किसानों पर भारी, बारिश के चलते खराब हो रही मंडी में रखी सब्जियां
परिजनों की सूचना पर आरपीएफ मौके पर पहुंची और लिफ्ट लगाने वाली कंपनी से संपर्क किया। करीब आधे घंटे बाद मैकेनिक स्टेशन पहुंचा और लिफ्ट को सुधारने का काम किया। तब जाकर लिफ्ट से यात्री बाहर निकल सकें। खास बात यह है कि लिफ्ट में न कोई नंबर लिखा था और ना ही कोई फोन था जिससे कि यात्री आपात स्थिति में मदद ले सकें।