बालोद । जिले की 11 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट से अपने गर्भपात कराने की अनुमति मांगी गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पीड़िता और उसके बच्चे की जान को खतरा होने का हवाला देते हुए गर्भपात करने की अनुमति नहीं दी है।
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बुधवार को शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से बात की है, जिसपर स्वस्थ मंत्री की ओर से कहा गया कि पीड़िता और उसके होने वाले बच्चे का जीवन भर खर्च अब सरकार वहन करेगी।
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पीड़िता को हुई मानसिक और शारीरिक पीड़ा को देखते हुए शासन कि ओर से एक तय रकम भी कुछ दिनों में दिया जाएगा। बता दें कि मामला बालोद जिले का है, जहां 11 वर्षीय पीड़िता से उसके मुंहबोले नाना ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता को 20 हफ्ते से ज्यादा का गर्भ है। इस वजह से डॉक्टर ने गर्भपात के लिए कोर्ट से परमिशन लेने की बात कही थी।