दुर्ग। छत्तीसगढ़ का लिवजोत का आईक्यू बेहद कमाल है। लिवजोत सिंह अरोरा बिना कागज पेन के तीन-तीन डिटिज का गुण सेकंड्स में कर देता है। पेंसिल उठाए बिना ही कई डाईग्राम बना देता है। लिवजोत का ये हुनर देख हर कोई हैरान रह जाता है।
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दुर्ग के संत्राबाड़ी में रहने वाला 11 वर्षीय लिवजोत सिंह अरोरा अब 10वीं की परीक्षा देगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी इसकी अनुमति दे दी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चे का आईक्यू टेस्ट लिया, जो 16 साल के बच्चे के बराबर है।
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टेस्ट में पास होने पर उसे 10वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है। फिलहाल, लिवजोत एक निजी स्कुल में कक्षा 5वीं का छात्र है। बच्चे के इस हुनर को देखकर उसके पिता गुरविन्दर सिंग अरोरा ने उसको ऑनलाइन पढ़ाई कराई, जब बच्चा महज दूसरी का छात्र था, तब से ही वह 6वीं कक्षा के प्रश्न को हल कर लेता था।
उसके इस हुनर को देखकर उसके पिता ने उसे आगे से आगे कक्षाओं की पढ़ाई कराना शुरू कराया। बच्चे की मां ने भी उसे अबेकस मैथड में पारंगत किया। बच्चे ने बिना किसी बाहरी ट्यूशन के इस उपलब्धि को हासिल किया। लिवजोत ने अपने से छोटे और बड़े बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर 77 हजार कमा चुका है। बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में ही बल्कि वह खेल में भी अव्वल है। चेस की रैंकिंग में भी उसने अपना स्थान बनाया है।
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