महासमुंद । जिले के सरईटार के जंगल में 10वीं सदी की प्राचीन प्रतिमा लावारिस हालात में मिली है। मूर्ति को जब्त कर रायपुर स्थित संस्क़ृति विभाग संग्रहालय के पुरातत्व विभाग में रखा गया है।
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पुरातात्विक विभाग के अधिकारी इस 4 फीट की प्रतिमा की पहचान करने में जुटे हुए है कि ये प्रतिमा किसकी है। काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित इस प्रतिमा के कुछ अंश खंडित हो चुके हैं। सिर के ऊपर शेषनाग का बने हुए हैं। पुरातत्वविद इस कलाकृति को उपलब्धि मान रहे हैं, जो कि संग्रहालय के लिए महत्वपूर्ण है।
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संग्रहालय में पहली बार इस तरह की प्रतिमा रखी गई है। प्रतिमा के परीक्षण में ये पाया कि ऐसी कलाकृति 10 सदीं में उकेरी जाती थी। पुरातत्वविद इसे परशुनाथ भगवान की प्रतिमा मान रहे हैं, उनका मानना है कि भगवान मान कर ही इस प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई उसके बाद इसे नियत जगह से उठाया गया है। पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्ण रुप से परीक्षण के बाद ही प्रतिमा के पहचान हो पाएगी।