सीएम भूपेश बघेल की रेत नीति से 100 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी , कांग्रेस ने रमन राज में कमीशनखोरी का लगाया आरोप | 100 crore revenue will be received from CM Bhupesh Baghel's sand policy Congress accused of commissioning in Raman Raj

सीएम भूपेश बघेल की रेत नीति से 100 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी , कांग्रेस ने रमन राज में कमीशनखोरी का लगाया आरोप

सीएम भूपेश बघेल की रेत नीति से 100 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी , कांग्रेस ने रमन राज में कमीशनखोरी का लगाया आरोप

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 PM IST
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Published Date: January 29, 2020 2:40 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय)नियम 2019 की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में पूर्व खनिज नीति का उत्खनन एवं व्यवसाय विनियमन निर्देश 2006 के तहत ग्राम पंचायतों कोरे व्यवसाय हेतु अधिकृत किया गया था। उक्त नियमों के तहत संबंधित ग्राम पंचायत जनपद पंचायत,जनपद पंचायत, नगरीय निकायों द्वारा मात्र रॉयल्टी प्राप्त कर रेत खदानें संचालित की जा रही थी। जिसके माध्यम से प्रदेश को हर साल हजारों-करोड़ो रु. की राशि का राजकीय कोष में सीधा नुकसान होता था।

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प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि पंचायतों का खनन संचालन में कोई नियंत्रण नहीं होने से मूल्य वृद्धि के साथ-साथ अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष पहल पर शासन द्वारा कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लिया गया कि पंचायतों एवं नगरीय निकायों के माध्यम से खदानों के संचालन की वर्तमान व्यवस्था में संशोधित करते हुए रेत खदान संचालन हेतु निजी व्यक्ति, संस्था का चयन संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा रिवर्स बिडिंग के आधार पर कराए जाने का निर्णय लिया गया। रेत खदानों के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) बनाया गया। विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए जिला स्तर पर रेत खदानों के समूह निर्माण तथा सीलिंग प्राइस के निर्धारण हेतु अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। चयनित बोलिदार को 2 वर्ष पूरे खदान उत्खनन पट्टा का आवंटन किया जाएगा राज्य में रेत खदानों की नीलामी में भाग लेने हेतु छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना की शर्त भी रखी गयी है। रेत उत्खनन में किसी व्यक्ति,फर्म, संस्था का एकाधिकार समाप्त करने के लिए नई व्यवस्था के अंतर्गत किसी एक जिले में एक खदान समूह तथा पूरे प्रदेश में अधिकतम पांच समूह में ही रेत खदान प्राप्त कर सकता है।

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प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत रेत खदान संचालन कर्ता को खनिज का मूल्य एवं अन्य करों को खदान क्षेत्र में आम जनता के प्रदर्शित किया जाना होगा वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत द्वितीय चरण परिवहन व्यवसाय से जुड़े ड्रेस का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। हाल ही में 306 रेत खदानों के लिये एनआईटी जारी किया गया है, जिसमें 298 टेंडर ओपन हो चुके हैं तथा 246 रेत खदानों के लिये एलओआई जारी किया जा चुका है 119 में प्राप्त किया जा कर रहा है।

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प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साफ एवं ईमानदार छवि इसी से ही ज्ञात होता है कि गत वर्षो में पंचायतों द्वारा संचालित 400 से भी अधिक रेत खदानों में कुल राजस्व 13 करोड़ 80 लाख रु रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुई थी, जबकि नवीन रेत अधिनियम संशोधन पश्चात  इन खदानों की नीलामी हेतु 18788 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं जिन से आवेदन शुल्क के रूप में ही 18 करोड़ 50 लाख रु प्राप्त हुए हैं।

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विकास तिवारी कहा कि जहां पूर्ववती भाजपा शासन की रेत नीति के चलते राजकीय कोष को कमीशनखोरी के लिये नुकसान पहुचाया जाता था वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुशासन के चलते आगामी दिनों में रेत नीति से ही 100 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा । इससे साफ है कि रमन राज में रेत नीति में राजस्व को करोड़ों अरबों रुपयों का चूना लगाया गया है और पर्यावरण को तहस नहस भी किया गया था।