रायपुर । छत्तीसगढ़ में युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार लगातार युवा उत्सव का आयोजन कर रही है। जब से प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार आई है। तब से छत्तीसगढ़िया वाद अलग-अलग तरह से पुष्पित और पल्लवित हो रहा है। भूपेश बघेल सरकार की कई योजना प्रत्यक्ष रूप से छत्तीसगढ़िया जीवन शैली से जुडी़ होती है। जिसका फायदा आम जनता को मिलता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए युवा महोत्सव की शुरुआत की। जिसका फायदा प्रदेश के युवाओं को सीधे तौर पर मिल रहा है। छत्तीसगढ़िया कला संस्कृति के विविध रंग युवा महोत्सव में देखने को मिले। कई युवाओं को युवा महोत्सव के माध्यम से नेशनल लेवल पर पहचान भी मिली।
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युवा उत्सव में सुवा, पंथी, करमा, सरहुल, बस्तरिया, राउत नाचा, फुगड़ी, भौंरा और गेड़ी दौड़ जैसे लोक नृत्य आकर्षण के केंद्र रहे। राज्य शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग और संस्कृति विभाग लगातार युवाओं को प्रोत्साहित करने का काम रही है। युवा महोत्सव में छत्तीसगढ़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित खेल फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी दौड़, कबड्डी एवं खो-खो के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी लोक गीत और लोक नृत्य करमा, राउत नाचा, पंथी, सरहुल, सुवा, बस्तरिया नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति देखने को मिली। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति से संबंधित चित्रकला, छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा और व्यंजनों की अलग महक इस उत्सव में छाई रही।युवा महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार नई कला और प्रतिभा को उबारने का प्रयास कर रही है। ऐसे आयोजन अगर होते रहे तो छत्तीसगढ़ी खेल और लोक नृत्य को अलग लेवल को पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ शुरू से ही विविध प्रकार की कला संस्कृति का धनी रहा है। जिसे नेशनल और इंटरनेशनल में प्रचारित करने का काम भूपेश बघेल की सरकार युवा महोत्सव जैसै कार्यक्रमों से कर रही है।
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युवा महोत्सव में 18 विधाओं की होती है प्रतियोगिता : युवा महोत्सव का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार युवा वर्ग में 18 विधाओं में प्रतियोगिताएं होंगी। इनमें लोक नृत्य, लोक गीत, एकल नाटक (हिंदी, अंग्रेजी, छत्तीसगढ़ी भाषा), शास्त्रीय गायन-हिंदुस्तानी शैली, शास्त्रीय गायन-कर्नाटक शैली, सितार वादन (शास्त्रीय वादन), बांसुरी वादन, तबला वादन शामिल हैं. वीणा वादन (शास्त्रीय वाद्य), मृदगाम वादन, हारमोनियम वादन (हल्का शास्त्रीय वादन), गिटार वादन (भारतीय और पश्चिमी संगीत), मणिपुरी (शास्त्रीय नृत्य), ओडिसी (शास्त्रीय नृत्य), भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य) कथक (शास्त्रीय नृत्य), कुचिपुड़ी (शास्त्रीय नृत्य) की भी प्रतियोगिता होगी।
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युवा महोत्सव में छत्तीसगढ़ी खेल को दिया जाता है बढ़ावा : युवा महोत्सव में उपयुक्त शास्त्रीय शैलियों के साथ-साथ राज्य की समृद्ध संस्कृति को रेखांकित करने वाली पारंपरिक लोक नृत्य और अन्य गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं सूआ, पंथी, कर्मा नाचा, सरहुल नाचा, बस्तरिहा लोक नृत्य, राउत नाचा, फुगड़ी, भोरा, गेड़ी दौड़, रॉक बैंड भी शामिल होंगे. इसके अलावा पारंपरिक पोशाक प्रतियोगिता और खाद्य महोत्सव प्रतियोगिता भी शामिल है. इसके साथ- साथ भोजन, चित्रकला प्रतियोगिता, छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती आदि की प्रतियोगिताएं भी होंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा घोषित राज्य के लोक साहित्य को भी इसमें शामिल किया गया है।
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युवा महोत्सव में छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति को भी किया जाता है शामिल : छत्तीसगढ़ विविध संस्कृति और बोलियों का राज्य है. यदि कलाकार किसी स्थानीय लोक कला (जैसे पेंटिंग, हस्तशिल्प, भित्ति चित्र, और अन्य) का प्रदर्शन करना चाहते हैं, या किसी लोक साहित्य (गोंडी, हल्बी, कुडुक, आदि पर आधारित) में प्रदर्शन करना चाहते हैं। अगर वो छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो उन सभी को जिला स्तर पर शामिल किया जाएगा। बौद्धिक वर्ग में वाद-विवाद (एक्सटेम्पोर और करंट अफेयर्स), प्रश्नोत्तरी और निबंध प्रतियोगिताएं भी होंगी।
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