कोमल धनेसर, भिलाई। यूथ के इनोवेशन अब पुलिस के लिए भी मददगार साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक इनोवेशन बीटेक के स्टूडेंट्स ने किया। कोडिंग विजर्ड ग्रुप के सभी साथी कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट है। कॉलेज में सभी दोस्त मिले तो कुछ नया करने की ठानी। बस क्या था उन्होंने एक ऐसा सॉफ्वेयर तैयार किया जो अपराधियों को ढूंढने में पुलिस की सहायता करेगा।
विपिन ने अपने साथियों के साथ एसपी दुर्ग शलभ सिन्हा को इसका डेमो दिखाया तो उन्होंने दुर्ग पुलिस के लिए इसे डिजाइन करने को कहा। इसके बाद इन युवाओं ने दुर्ग पुलिस के लिए फेशियल रिकोज्नाइशन साॉफ्टवेयर तैयार किया है। जिसकी सहायता से क्रिमिनल को पुलिस आसानी से पहचान सकेगी। आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी की सहायता से एक क्लिक से अपराधियों की भी सारी जानकारी भी मिल जाएगी। इस सॉफ्टवेयर के लांच होने के बाद दुर्ग पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग की ओऱ एक और कदम बढ़ा लिया है।
पिछले दिनों पुलिस कंट्रोल रूम में कोडिग विजर्ड ग्रुप के युवाओं ने इसका डेमोस्ट्रेशन भी दिया। विपिन गौतम और उनकी टीम ने बताया कि दुर्ग जिले के पिछले दस साल के 5 हजार अपराधियों का डाटाबेस बनाया गया है । जिसके बाद साफ्टवेयर में जिले के सभी थानो का अकाउंट बनाया गया है जिसके माध्यम से पुलिस अपने अकाउंट से लॉगिंग कर आरोपियों का फोटो अपलोड किया जा रहा है। ताकि एक क्लीक में आपराधिक रिकार्ड तत्काल सामने आ सकें। एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर से पुलिस का काम और आसान होगा। साथ ही इन युवाओं को भी दुर्ग पुलिस के साथ काम करने का नया अनुभव मिलेगा।
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