रायपुर/भोपाल: चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले बीजेपी ने मध्यप्रदेश में अपनी 3 सूचियों में कुल 79 उम्मीदवार और छत्तीसगढ़ में पहली सूचि में 21 कैंडिडेट के नाम डिक्लेयर कर दिए हैं। भाजपा ने पुख्ता रणनीति के तहत, दोनों प्रदेशों में पहली सूचि में हारी सीटों पर उम्मीदवार उतारकर दावेदारों को फोकस होकर काम करने का ज्यादा समय दिया, तो दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतार कर हर हाल में जीत के फार्मूले पर काम किया। कांग्रेस कहती है अपनी हार देखकर पार्टी को मजबूरी में ऐसा करना पड़ा है। जबकि भाजपा का मानना है इस मूव से पार्टी को अप्रत्याशित और बंपर जीत होगा। तो सवाल ये कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में क्या दिग्गजों पर लगाया गया दांव काम आएगा, कांग्रेस की परेशानी बढ़ाएगा। ऐसा करना मजबूती देगा या मजबूरी है।
पार्टी ने टिकट ज़रूर दे दिया मुझे लेकिन अंदर से खुश नहीं हूं। सच कह रहा हूं। इसलिए कि मेरी लड़ने की इच्छा ही नहीं है 1 परसेंट भी इच्छा नहीं है। एक माइंडसेट जो होता है लड़ने का अपने को तो जाना है। अब बड़े नेता हो गए हैं। हाथ जोड़कर हमें तो भाषण देना और निकल लेना। ये सोचा था हमने तो हमने तो प्लान ये बनाया था कि रोज़ 8 सभा करनी है। 5 हेलीकॉप्टर से और 3 कार से लेकिन आप जो सोचते हैं वो होता कहां है?
बिल्कुल सही कहा आपने कैलाश जी कि जो सोचते हैं वो होता कहां है। दर्द छलकना लाज़िमी है। आख़िर सारा प्लान धरा का धरा रह गया। 6 बार अजेय विधायक रहे हैं। बेटे को विधायिकी की विरासत सौंप कर बंगाल का प्रभार संभाल चुके हैं। बतौर राष्ट्रीय महासचिव बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।लेकिन, 67 साल की उम्र में अब अचानक ये अहसास हो रहा है कि वो जिस भाजपा में हैं, वहां कद या पद बड़ा नहीं होता, बल्कि बड़ी होती है जीत हर हाल में जीत सिर्फ़ और सिर्फ़ जीत इसीलिए यहां वही होता है जो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह सोचते हैं वैसे जुबां से भले ही कोई और बोले-ना बोले लेकिन, केंद्रीय मंत्रालय और संसद में बैठने वाले बाकी दिग्गजों का दिल भी शायद इसी जुबां में बोल रहा है।
मध्यप्रदेश के लिए बीजेपी की दूसरी लिस्ट ने ना सिर्फ़ वहां के सांसदों को चौंकाया है, बल्कि पड़ोसी छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों का भी दिल धड़काया है छत्तीसगढ़ में भी चर्चा गरम है कि एक दो नहीं, बल्कि क़रीब आधे दर्जन सांसदों को विधानसभा का टिकट थमाया जा सकता है। दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल को तो पहली ही लिस्ट में पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ टिकट मिल चुका है और IBC24 को पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी बताती है कि
मोदी-शाह का मंत्र है हर हाल में जीतकर आना हाल में 2018 नहीं दोहराना है 2019 लोकसभा चुनाव से पहले हुए विधानसभा चुनावों में इन तीनों ही राज्यों की सत्ता कांग्रेस ने बीजेपी से छीन ली थी।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने का भाजपा का फैसला भले ही इन राज्यों के लिए नया है, लेकिन बीजेपी इसे आजमाती रही है। 2021 में बंगाल में 5 सांसदों को मैदान में उतारा था, हालांकि सिर्फ 2 ही जीत पाए थे।स्वप्न दास, लॉकेट चटर्जी और बाबुल सुप्रियो चुनाव हार गए थे शायद ये भी एक वज़ह है कि इन दिग्गजों के नाम के ऐलान के बावजूद एमपी कांग्रेस अबकी बार कमलनाथ सरकार के नारे बुलंद कर रही है, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का दावा है कि परिवर्तन के मंसूबों पर पानी फिरना तय है।
Read More: साली की शादी में नाच रहा था जीजा, तभी अचानक हो गया ये कांड, पूरे परिवार में मचा हड़कंप
मोदी-शाह 23 में प्रदेश और 24 में देश दोनों जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ताबड़तोड़ दौरों से माहौल बनाने से लेकर मैराथन बैठकों और चौंकाने वाले टिकट ऐलानों के पीछे बस एक संदेश है आजमाएंगे हर पत्ता हर हाल में चाहिए सत्ता!
CG News: शहर में देशी पिस्टल लेकर घूम रहे थे…
47 mins ago