भोपाल: Amar Jawan Jyoti to Raipur दिल्ली में इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को हटाए जाने पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा, इस मुद्दे पर अब छत्तीसगढ़ की सियासत भी गर्म हो चली है। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीदों की याद में नवा रायपुर में अमर जवान ज्योति बनाने की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। दूसरी ओर बीजेपी केंद्र सरकार के बचाव में तमाम दलील पेश कर कर रही है। अब सवाल ये है कि जिस अमर जवान ज्योति को केंद्र सरकार ने इंडिया गेट से हटाया, उसे रायपुर लाकर भूपेश सरकार क्या संदेश देना चाह रही है। क्या इसके पीछे उसकी मंशा बीजेपी को राष्ट्रवाद के मोर्चे पर घेरने की है?
Amar Jawan Jyoti to Raipur महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर रायपुर के तेलीबांधा तालाब में बजाया जा रहा ये उसी अबाइड विथ मी भजन का धुन है, जिसे इस बार बीटिंग द रिट्रीट समारोह में शामिल नहीं किया गया था। कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले की आलोचना भी की। लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसे बजाकर बापू को श्रद्धांजलि दी, तो दूसरी ओर केंद्र सरकार के अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल में समाहित करने के फैसले के बाद भूपेश सरकार ने इसे नया रायपुर में बनाने की घोषणा कर दी है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को शहादत और बलिदान से कोई लेना देना नहीं वो अमर जवान ज्योति का मतलब नहीं समझ सकते। साथ ही कहा कि हमारे शहीदों की वीरगाथाएं हमारे पीढ़ियों के लिए प्रेरणा पुंज हैं। ये देश के लिए ना लड़ने वाले ये इसे नहीं समझेंगे।
नया रायपुर के माना स्थित CAF की चौथी बटालियन परिसर में अमर जवान ज्योति को स्थापित की जाएगी, 3 फरवरी को इसकी नींव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी रखेंगे। 100 फीट की अर्द्ध चंद्राकर दीवार पर शहीदों की नाम पट्टिका होगी। इसके शीर्ष पर स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाएगा। मेमोरियल टावर के सामने आधार पर राइफल और हेलमेट प्रतीक चिन्ह के रूप में रहेगा। इस प्रतीक चिन्ह के सामने छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होगी। हालांकि बीजेपी का दावा है राज्य सरकार ये घोषणा केवल अपने हाईकमान को खुश करने के लिए किया है।
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बहरहाल मोदी सरकार ने जिन प्रतीकों को हटाया, वो कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में साकार होने जा रहे हैं। चाहे वो रायपुर में नई अमर जवान ज्योति की स्थापना हो या फिर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से हटाए गए अबाइड विथ मी की धुन को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बजाना। ये साफ इशारा कर रहा है कि स्थानीय और छत्तीसगढ़िया अस्मिता के मुद्दे पर बढ़त बनाने के बाद कांग्रेस अब राष्ट्रवाद के मोर्चे पर भी बीजेपी को टक्कर देने के लिए इससे जुड़े प्रतीकों से खुद को जोड़कर अपनी जमीन थामे रखना चाहती है।
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