अंबिकापुर: Mukesh Chandrakar Murder Case लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वालों पत्रकारों का काम हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन आज के समय में यह और भी मुश्किल हो गया है। आज के समय में पत्रकारों को कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें सच्ची खबरें दिखाना या रिपोर्ट करना और भी कठिन हो गया है। हालही में बस्तर के युवा और साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव बीजापुर के चट्टानपारा में एक सड़क ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक में मिला।
Mukesh Chandrakar Murder Case अब पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव का बड़ बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुकेश निर्भीक पत्रकार थे। उनके साथ ऐसा होना बेहद ही दुख:द है। मीडिया के साथ जब ऐसा हो रहा है, तो मीडिया स्वतंत्र रूप से काम कैसे कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार पर आरोप लग रहा है। पहले पुलिस विभाग में था ऐसी जानकारी मिल रही है। नेता के साथ फोटो खिंचवाना ये आम बात है। मगर कोई अलग संबंध हो तो बात अलग है। मामले में बड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
हालही में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 के दबंग पत्रकार संदीप शुक्ला को जान से मारने की धमकी मिलने के मामले में भी उन्होंने कहा कि वन विभाग की खबर दिखाने पर पत्रकार को धमकी मिल रही है जब देश का चौथा स्तंभ ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा।
मुकेश चंद्राकर की हत्या 2023 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चट्टानपारा में हुई थी। उनका शव एक सड़क ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था।
इस मामले में अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि हत्या की वजह क्या थी, लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी सक्रियता और साहसिक रिपोर्टिंग को लेकर कई अटकलें हैं। इस हत्या से संबंधित ठेकेदार का नाम सामने आया है, जो पहले पुलिस विभाग में था।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने कहा कि मुकेश चंद्राकर निर्भीक पत्रकार थे और उनके साथ ऐसा होना दुखद है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पत्रकारों के साथ ऐसा हो रहा है, तो मीडिया स्वतंत्र रूप से काम कैसे कर सकेगा।
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, और सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। खासकर जब पत्रकारों को धमकियां मिल रही हैं और उनके साथ हिंसा की घटनाएं घट रही हैं, तो इस मुद्दे पर सरकार को विशेष ध्यान देना होगा।
संदीप शुक्ला को यह धमकी वन विभाग से जुड़ी खबरों को रिपोर्ट करने के बाद मिली थी। इस मामले पर भी टीएस सिंह देव ने चिंता जताई और कहा कि अगर देश के चौथे स्तंभ, यानी मीडिया, को सुरक्षा नहीं मिल रही है तो आम नागरिक की सुरक्षा पर भी सवाल उठने चाहिए।