Balrampur Ram Mandir: अयोध्या की तरह सजेगा प्रभु श्रीराम का ये प्राचीन मंदिर, 200 साल पुराने मंदिर का 22 जनवरी को होगा जीर्णोद्धार |

Balrampur Ram Mandir: अयोध्या की तरह सजेगा प्रभु श्रीराम का ये प्राचीन मंदिर, 200 साल पुराने मंदिर का 22 जनवरी को होगा जीर्णोद्धार

Balrampur Ram Mandir: अयोध्या की तरह सजेगा प्रभु श्रीराम का ये प्राचीन मंदिर, 200 साल पुराने मंदिर का 22 जनवरी को होगा जीर्णोद्धार

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Reported By: Arun Soni

Modified Date:  January 19, 2024 / 01:13 PM IST, Published Date : January 19, 2024/1:13 pm IST

बलरामपुर। आएंगे राम आएंगे कुछ इसी थीम पर इस समय पूरा देश झूम रहा है और सभी 22 जनवरी के इंतजार कर रहे हैं।बलरामपुर जिले में भी प्रभु श्रीराम का एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर है जिसे अयोध्या की तरह सजाया जा रहा है। लगभग 200 साल पहले इस मंदिर का निर्माण एक राजा ने करवाया था और आज स्थानीय लोग आपस में सहयोग कर इसका जीर्णोद्धार कर रहे हैं। कुसमी विकाशखण्ड के ग्राम पंचायत कन्दरी में स्थित है। भगवान श्रीराम का प्राचीन मंदिर। लगभग 200 साल पहले एक राजा ने अपनी निशानी के तौर पर इसका निर्माण कराया था और यहां अष्टधातु की मूर्तियां स्थापित की गई थी।कुछ सालों में यहां की मूर्ति चोरी हो गई और मंदिर खंडहर हो चुका है लेकिन, वर्तमान समय में जिस तरह से पूरा देश राममय हो चुका है। यहां के लोगों ने भी मंदिर के जीर्णोद्धार का बीणा उठा लिया है।

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लगभग 7 एकड़ में फैले इस मंदिर के साथ ही परिसर की सफाई काफी जोर शोर से की जा रही है। यहां के रहने वाले लोग अब दूसरी जगह पर निवास करने चले गए हैं लेकिन भगवान राम के प्रति उनकी आस्था कम नहीं हुई है। अब इस सभी लोग आपस में सहयोग कर मंदिर को नए तरीके से बना रहे हैं और उनका प्रयास है कि 22 जनवरी को इस स्थान को अयोध्या की तरह सजाया जाए साथ ही यहां धूमधाम से दीपोत्सव मनाया जाएगा।

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इस मंदिर के पीछे एक लंबी कहानी भी है बताया जाता है कि राजा की एक ही बेटी थी और बेटी का विवाह करने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था और लगभग डेढ़ किमी दूर में राजा में जनकपुर का स्थापना भी किया था। प्रतिवर्ष इस डेढ़ किमी की दूरी को राजा एक सप्ताह में तय करते थे और विधि विधान से प्रभु श्रीराम माता जानकी और हनुमान जी की आराधना करते थे। मंदिर के साथ आज प्रभु श्रीराम की यादें जुड़ी हुई हैं और अब जब पूरा देश राममय के सुर में डूबने को आतुर है तो इस मंदिर का भी पुनः उत्थान हो रहा है।

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