रायपुर: Naxal IED blast in Kutru मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज दो जिलों के दौरे पर रहेंगे। सबसे पहले वे बीजापुर जिले के कुटरू में आईईडी ब्लास्ट में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने दंतेवाड़ा जाएंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार साय सवेरे 9.35 बजे पुलिस लाईन हेलीपेड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 10.50 बजे दंतेवाड़ा पहुंचेंगे और वहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। CM के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के बाद पूर्वान्ह 11.35 बजे कारली पुलिस लाईन हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 12.55 बजे गरियाबंद जिले के राजिम स्थित कॉलेज ग्राउण्ड स्टेडियम पहुंचेंगे। साय दोपहर 1.35 बजे राजिम में मंदिर दर्शन करेंगे और राजिम माता जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री अपरान्ह 3 बजे रायपुर लौट आएंगे।
Naxal IED blast in Kutru बता दें कि बीजापुर जिले में सोमवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ। उसूर ब्लॉक के कुटरू के पास अंबेली गांव में नक्सलियों ने जवानों को लेकर जा रही गाड़ी को विस्फोट कर उड़ा दिया। इसमें दंतेवाड़ा डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए। वहीं, ड्राइवर तुलेश्वर राना की भी मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक बीजापुर से जॉइंट पार्टी ऑपरेशन से लौट रही थी। अंबेली गांव के पास दोपहर करीब सवा 2 बजे नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर दिया। यह बीते दो साल में राज्य में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों का सबसे बड़ा और 2025 का पहला हमला है।
बीजापुर नक्सली हमले में दंतेवाड़ा डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए। इसके अलावा, गाड़ी के ड्राइवर तुलेश्वर राना की भी मौत हुई।
बीजापुर नक्सली हमला सोमवार को हुआ था। यह हमला उसूर ब्लॉक के कुटरू के पास अंबेली गांव में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट के कारण हुआ।
नक्सली हमलों का कारण मुख्य रूप से नक्सली संगठन की सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ लड़ाई है। ये हमले आमतौर पर राज्य के जंगलों में होते हैं, जहां नक्सली अपनी उपस्थिति बनाए रखते हैं।
नहीं, नक्सली हमलों में कभी-कभी नागरिकों को भी खतरा हो सकता है। हालांकि, अधिकांश हमले सुरक्षा बलों पर होते हैं। सरकार सुरक्षा बलों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
सरकार ने नक्सली हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है, और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि स्थानीय लोगों का नक्सलियों से जुड़ाव कम हो सके।