Ramanujganj’s lifeline Kanhar river completely dry in this scorching heat: बलरामपुर। जिले के रामानुजगंज की जीवनदायिनी कहे जाने वाली कनहर नदी इस भीषण गर्मी में पूरी तरह से सूख चुकी है। झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों प्रदेशों में इस नदी से पानी का सप्लाई होता था, लेकिन हालत आज यह है कि लोग एक बूंद पानी के लिए भी तरस रहे हैं। कनहर नदी के तट पर रामानुजगंज का शहर बसा हुआ है और इस नदी के तलहटी पर लगभग 60 से अधिक गांव बसे हुए हैं। साल भर लोग इस नदी के सहारे रहते हैं ना सिर्फ पेयजल बल्कि खेतों में भी पानी पटाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं , लेकिन इस साल भीषण गर्मी ने सबकी कमर तोड़ दी है और लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
रामानुजगंज की आबादी लगभग 25000 है और इस शहर के लोग इसी नदी पर आश्रित है। नदी सूख जाने के बाद जेसीबी से खुदाई करके पानी एकत्रित किया जाता है, लेकिन इस साल वह भी संभव नहीं हो पा रहा है। लोग किसी तरह अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इसी पेयजल की समस्या को रोकने के लिए लगभग 8 साल पहले लगभग 9 करोड रुपए की राशि से एनीकट का निर्माण किया गया था, लेकिन आज यह एनीकट किसी काम का नहीं है एनीकट में पानी रुक नहीं पा रहा है और इसकी उपयोगिता भी लगभग खत्म हो गई है।
कनहर नदी के हालात से लोग बेहद दुखी हैं उनकी माने तो ना तो विभाग इस पर ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई पहल की जा रही है। मामले में जब IBC24 की टीम ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले जब कुछ बरसात हुई थी तो पेयजल के मामले में राहत हुई थी, लेकिन अब एक बार फिर से नदी सूख चुकी है। हालांकि वे एनीकट में गड्ढा खोदकर शहर में पेयजल आपूर्ति की बात कर रहे हैं, लेकिन गांव में क्या हालात हैं उसके बारे में उन्हें भी कुछ पता नहीं है।
दो राज्यों की प्यास बुझाने वाली कनहर नदी आज पूरी तरह से सूख चुकी है। पानी रोकने के लिए करोड़ों फुके गए, लेकिन अंत में हालात और खराब हो गए हैं। आलम यह है कि भीषण गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। IBC24 से अरुण कुमार सोनी की रिपोर्ट
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