Reported By: Rajesh Raj
,CG Vidhan Sabha Budget Session 2025| Photo Credit: CG Vidhan Sabha and IBC24
रायपुर: CG Vidhan Sabha Budget Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज फिर से भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल के दाैरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में 350 करोड़ रुपए का घोटाला मुआवजा के खेल में किया गया है। लिहाजा, इसकी जांच सीबीआई से या नहीं तो विधायक दल की समिति से कराने की मांग की। हालांकि सरकार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया, जिसके बाद सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर तीखी बहस हुई। नाराज विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी कर दिया।
CG Vidhan Sabha Budget Session 2025: छत्तीसगढ़ को विशाखापट्टनम को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजे के नाम पर हुई बड़ी गड़बड़ी की गूंज आज एक बार फिर से छत्तीसगढ विधानसभा में सुनने को मिली। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के सवाल पर मंत्री राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में स्वीकार किया कि, इस प्रोजेक्ट में मुआवजे के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की गई है। भारतमाला प्रोजेक्ट की अधिसूचना जारी होने के बाद जमीनों की खरीद बिक्री हुई, उसे छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा गया, उसका नामांतरण किया गया। इतना ही नहीं, जमीन का मुआवजा भी गलत लोगों को दिया गया। इसके चलते कई अधिकारी कर्मचारी को निलंबित किया गया है। मंत्री की इस स्वीकारोक्ति के बाद चरणदास महंत ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि अकेले रायपुर में 43 करोड़ का फर्जी मुआवजा दिया गया। पूरे प्रदेश में मुआवजे का घोटाला करीब 350 करोड़ का है। लिहाजा, इसकी सीबीआई जांच कराई जाए, लेकिन विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने पूरे मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराने की घोषणा की।
CG Vidhan Sabha Budget Session 2025: नेता प्रतिपक्ष इस घोषणा से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने सदन में बैठे मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच कराने की मांग की, लेकिन सीएम विष्णुदेव साय ने मंत्री के जवाब को संतोषजनक बता दिया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि, वो विधायक जांच दल की व्यवस्था दें। उन्होंने कहा कि ये घोटाला कांग्रेस सरकार के समय का है और वो खुद इसकी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो हाईकोर्ट जाने को मजबूर होंगे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से भी कोई आश्वासन नहीं मिल सका। इसके बाद नाराज विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। पक्ष और विपक्ष की तीखी नोंकझोंक और बहस के बीच, असंतुष्ट विपक्ष ने की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर चले गए।
भारतमाला प्रोजेक्ट की शुरूआती जांच रिपोर्ट जिस पैमाने पर भ्रष्टाचार की कलई खोल रही है, वो बेहद हैरान करने वाली है। हर नियम की धज्जियां उड़ा कर मुआवजे की राशि को हड़पने का काम हुआ है। हालांकि, पूरे मामले में अब तक कार्रवाई की गाज सिर्फ एसडीएम, पटवारी जैसे अधिकारी पर ही गिरी है। लेकिन नेताप्रतिपक्ष का आरोप है कि इसमें बड़े बड़े आईएएस अधिकारी और राजनीतिक दल के लोग भी शामिल हैं। ऐसे में ये साफ है कि आने वाले सालोंमें ये भी ये मुद्दा उठेगा और सदन में सरकार घिरती नजर आएगी।