रायपुर: Raipur South byelecion: सरकार में अब बात रायपुर दक्षिण की…कल यानी शुक्रवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी…लेकिन अब तक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं..मगर दोनों ही पार्टियों में टिकट के लिए कई नेता दावेदारी कर रहे हैं..खास तौर पर कांग्रेस के लिए ये सीट नाक का सवाल बन चुकी है..क्योंकि पिछले तीन दशक से वो रायपुर मे जीत की आस लगाए बैठी है..लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वो बृजमोहन अग्रवाल को हराने में नाकाम रही. दूसरी तो बीजेपी के लिए भी चुनौती है कि अपने गढ़ में कांग्रेस को सेंध लगाने न दे..
रायपुर विधानसभा चुनाव में नतीजे चाहे कुछ भी हों मगर तीन दशक बाद रायपुर दक्षिण में चेहरा बदलना तय है..कांग्रेस की लाख कोशिश के बावजूद बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल यहां अपराजेय रहे…अब जब बृजमोहन सांसद चुने गए तो कांग्रेस इस उम्मीद के साथ चुनाव मैदान में उतरी है कि इस बार वो बीजेपी के सबसे मजबूत किले में सेंध लगा देगी..
रायपुर दक्षिण में इतिहास बदलने कांग्रेस पूरी तरह एक्शन मोड में है..गुरुवार को प्रभारी सचिव ने दक्षिण के पार्षदों और वार्ड प्रभारियों की बैठक ली.. इससे पहले कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण का रण जीतने 6 पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को कमान भी सौंपी है..रायपुर में शुक्रवार से नामांकन शुरू हो जाएगा..ऐसे में दोनों पार्टियां कभी भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है.कांग्रेस की बात करें तो ब्राह्मण समाज से आने वाले और पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, 2018 में बृजमोहन के खिलाफ चुनाव लड़े रहे कन्हैया अग्रवाल और स्वर्गीय मोतीलाल वोरा के भतीजे और युवा चेहार राजीव वोरा का नाम सबसे आगे चल रहा है..
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इधऱ बीजेपी भी चुनावी मोड में है.. मंडलवार बैठकें शुरू कर दी है, रायपुर दक्षिण के चुनाव प्रभारी श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर दक्षिण के चारों मंडल सिविल लाइन , लाखे नगर ,पुरानी बस्ती और सदर बाजार के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक ली.
कांग्रेस की तरह बीजेपी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं..लेकिन खबर है कि संभावित दावेदारों का नाम शॉर्ट लिस्ट कर दिल्ली भेज दिया है। जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व सांसद सुनील सोनी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ,प्रदेश प्रवर्तक केदार गुप्ता का नाम शामिल है। इसके अलावा प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन के नाम की चर्चा है…
फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस..दोनों ही राजनीतिक दलों ने रायपुर दक्षिण में अपने पत्ते नहीं खोले हैं.. चुनावी अखाड़े में योद्धा का नाम भले फाइनल नहीं हुआ हो..तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू हो गई है..लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि इस बार रायपुर दक्षिण की जनता क्या चाहती है. इस बार किसका पलड़ा भारी है..
सौरभ सिंह परिहार के साथ राजेश मिश्रा आईबीसी 24 रायपुर
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