स्कूली किताबों को कबाड़ में बेचने का मामला, पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक निलंबित |

स्कूली किताबों को कबाड़ में बेचने का मामला, पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक निलंबित

स्कूली किताबों को कबाड़ में बेचने का मामला, पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक निलंबित

:   Modified Date:  September 20, 2024 / 04:41 PM IST, Published Date : September 20, 2024/4:41 pm IST

रायपुर, 20 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने पाठ्यपुस्तक निगम की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने के बाद निगम के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने की घटना के सामने आने के बाद राज्य की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे।

अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आई थी। राज्य शासन ने शर्मा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले दिनों जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रशासनिक लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जांच का दायित्व मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना, स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं। यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी।

राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि सिलयारी के एक पेपर मिल के गोदाम में भारी मात्रा में स्कूली किताबों का जखीरा मिला। इस मामले में छानबीन करने पर पता चला कि यह किताबें रद्दी में बेची गयी हैं।

उपाध्याय ने कहा था कि ये यह वही किताबें हैं, जो सरकार द्वारा छात्रों को मुफ्त वितरण के लिए छपवाई गई थीं। सरकार ने किताबें छपवाईं, लेकिन उन्हें छात्रों तक पहुंचाने के बजाय कबाड़ में बेच दिया। यह किताबें सर्व शिक्षा अभियान और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित की गई थीं, जो छात्रों को निशुल्क दी जानी थीं।

कांग्रेस नेता ने पाठ्यपुस्तकों की छपाई में भ्रष्टाचार का दावा किया था और केंद्रीय जांच ब्यूरो या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की थी।

भाषा संजीव

संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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