TS Singhdev’s land documents disappeared from collector’s record room: सरगुजा। जिले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के जमीन से जुड़े दस्तावेज गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले के सामने आने के बाद जहां कलेक्टर ने रिकार्ड रूम प्रभारी और एसडीएम को नोटिस जारी कर दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं, तो वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
दरअसल स्वास्थ मंत्री टीएस सिंह देव ने टपरकेला गांव में 652 एकड़ और कांति प्रकाशपुर में करीब 15 एकड़ जमीन अपने पूर्वजों की बताते हुए कोर्ट में वाद दायर किया है। इस मामले में सिंह देव का पक्ष है कि सीलिंग के समय जो जमीनें सरकार ने ली थी उनमें उद्यान और फारेस्ट एरिया को शामिल नहीं किया गया था, वो सीलिंग से मुक्त थे। ऐसे में उनका तर्क है कि कई न्यायालयों ने इस बावत फैसला भी सुनाया है। इसी को आधार मानते हुए सिंह देव ने कोर्ट में वाद दायर किया था। वर्ष 2015 को दायर वाद के बाद न्यायाल ने संबंधित जमीन से जुड़े दस्तावेज प्रशासन से मांगा मगर कई साल बाद भी प्रशासन दातावेज उपलब्ध नहीं करा पाया हैं।
न्यायाल ने सरगुज़ा जिला प्रशासन को 1 हजार के अर्थदंड के साथ ये नोटिस दिया है कि अगर प्रशासन ने जमीन के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराता तो एक पक्षीय कार्रवाई कि जाएगी। ऐसे में ये माना जा रहा है कि कलेक्टर रिकार्ड रूम से दस्तावेज ही गायब है। हालांकि इस पर जहां टीएस सिंह देव ने भी आश्चर्य जताया है तो वहीं विपक्ष इसे लेकर टीएस सिंह देव के दावे को ही गलत बता रहा है। विपक्ष का आरोप है कि जब सीलिंग में जमीन चली गई तो भला टीएस सिंह देव के नाम जमीन कैसे आ सकती है।
इधर जिला प्रशासन भी इस मामले में हरकत में आ गया है। कलेक्टर ने रिकार्ड रूम के प्रभारी अधिकारी व अम्बिकापुर एसडीएम को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द दस्तावेज की जानकारी मांगी है। ऐसे में सवाल यही है कि भला कलेक्टर कार्यालय से दस्तावेज कैसे गायब हो सकते है या इस मामले में कई और राज दफन है। अब देखना होगा कि आखिर न्यायालय की फटकार औऱ कलेक्टर के कड़े निर्देश के बाद जमीन से जुड़ी फाइल ढूढने में प्रशासनिक अमला सफल हो पाता है या नहीं। IBC24 से अभिषेक सोनी की रिपोर्ट
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