Initiative of Surguja Police

सरगुजा: 5 साल के मासूम ने सम्हाली दिवंगत पिता की नौकरी, बना बाल आरक्षक, SP ने सौंपा नियुक्ति पत्र तो रो पड़ी माँ

नमन के पिता राजकुमार राजवाड़े छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक थे. उनकी तैनाती सरगुजा जिले में थी. विगत 3 सितंबर 2021 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद मृतक आरक्षक के परिवार में कोई भी बालिग नहीं था, जिसे अनुकंपा नियुक्ति दी जा सके.

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Modified Date: March 22, 2023 / 03:03 PM IST
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Published Date: March 22, 2023 3:03 pm IST

Initiative of Surguja Police: (अंबिकापुर) : जिला पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने संवेदनशील पुलिसिंग की एक अद्भुत मिशाल पेश की हैं। उन्होंने अपने विभाग के एक दिवंगत आरक्षक के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपा हैं। बेटे का नाम नमन राजवाड़े हैं और वह महज पांच वर्ष का हैं। इस दौरान विभाग के दूसरे उच्चाधिकारी और नमन की माँ भी मौजूद थी। यह पूरा नजारा देख अधिकारी भावुक हो उठे जबकि नमन की माँ की आँखों से आंसुओं की धार बहने लगी। एसपी भावना गुप्ता ने नमन की माँ को दिलासा दिलाया की वह खुद को कभी अकेला महसूस न करें। समूचा पुलिस परिवार, उनका परिवार हैं। वे हर तरह की सहायता के लिए हमेशा उपस्थित रहेंगे।

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उन्होंने कहा की फिलहाल वह और उनका पूरा परिवार नमन की पढ़ाई और उसकी देखभाल पर ध्यान दें ताकि आने वाले वक्त में वह भी अपने पिता की तरफ एक कर्मठ पुलिसकर्मी बन सकें। बता दें की नमन के पिता राजकुमार राजवाड़े छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक थे। उनकी तैनाती सरगुजा जिले में थी। विगत 3 सितंबर 2021 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद मृतक आरक्षक के परिवार में कोई भी बालिग नहीं था, जिसे अनुकंपा नियुक्ति दी जा सके। ऐसे में मृतक के परिवार को सहायता प्रदान करने एवं परिवार को संबल देने की मंशा से एसपी भावना गुप्ता ने आरक्षक के पुत्र नमन राजवाड़े जिसकी उम्र 5 साल है और वह कक्षा यूकेजी के छात्र है उसे बाल आरक्षक के रूप में नियुक्त किया।

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Initiative of Surguja Police : एसपी भावना गुप्ता ने इस बारे में बताया की राज्य सरकार के निर्देश के अनुरूप आकस्मिक मौत वाले पुलिस परिवार के सदस्य को नियुक्ति देने का प्रावधान है, ऐसे में नमन को बाल आरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। इधर नमन के बाला आरक्षक के रूप में नियुक्ति के बाद नमन की मां की आंखों में आंसू उमड़ आए। एक तरफ जहां पति की मौत का दुख था तो वहीं दूसरी तरफ बाल आरक्षक के रूप में नियुक्त किए जाने पर खुशी, जिसे देखकर यहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई।

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