सरगुजा। छग विद्युत वितरण कंपनी के सरगुज़ा संभाग में ईपीएफ घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है, यहां कंपनी के द्वारा पलेंसमेन्ट के जरिये कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जिसमें कम्यूटर आपरेटर, प्यून समेत अन्य पदों पर कर्मचारी तैनात किए गए। आरोप है कि 11 अगस्त 2020 से कर्मचारियों की तैनाती दिखाई गई और करीब 150 कर्मियों को तैनात दिखाया गया, मगर विभाग में सिर्फ 100 के करीब ही कर्मचारी पदस्थ किये गए। गंभीर बात ये की कागजों पर 150 के करीब कर्मियों को हर माह वेतन और ईपीएफ का भुगतान करना दिखाया गया, जबकि वास्तविकता में सिर्फ 100 कर्मचारियों को ही वेतन दिया गया। यही नहीं बड़ा फर्जीवाड़ा ये भी सामने आया है कि सभी कर्मियों के ईपीएफ भुगतान भी दिखाकर पैसे निकाल लिए गए, जबकि ईपीएफ का भुगतान किया ही नहीं गया।
ऐसे में इस मामले की शिकायत शिकायतकर्ता ने विभाग और मुख्यमंत्री से की है। विद्युत वितरण विभाग में इस बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद विभाग में भी हड़कंप है। विभाग के आला अधिकारी भी मान रहे है कि गडंबड़ी हुई है, मगर अधिकारी इस मामले में खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जानकारी उच्च दफ़्तर तक भेज दी गई है, जिसपर जांच की जा रही है। इसके साथ ही ईपीएफ विभाग के अधिकारियों ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। ऐसे में जांच के बाद ही किसी की जिम्मेदारी तय की जा सकेगी।
बहरहाल विभाग में करोड़ो के फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद भले ही अधिकारी जांच व कार्रवाई की दलील दे रहे हो मगर ये साफ है कि विभाग में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा सिर्फ प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा नही हो सकता बल्कि इसमें विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी रही होगी,, ऐसे में देखना होगा कि प्लेसमेंट में काम कर रहे कर्मचारियों के इस फर्जीवाड़े में जांच के बाद किस तरह के खुलासे होते है और जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं। IBC24 से अभिषेक सोनी की रिपोर्ट
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