नितेश गुप्ता, सूरजपुर:
Grabbed The Poor’s Land: सूरजपुर में भू माफिया फर्जी दस्तावेजों के सहारे गरीब लोगों की जमीन हड़प रहे हैं जिसका ताजा मामला सूरजपुर के डुमरिया गांव का है, जहां लगभग 34 साल पहले मृत पुरुष का जमीन फर्जी तरीके से उनके परिजनों के जानकारी के बगैर बेच दिया गया। वहीं पीड़ित के द्वारा थाने में शिकायत किए लगभग दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। बावजूद इसके आज तक दोषियों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता हैं।
पुश्तैनी जमीन के मालिक थे तीन भाई
किसी भी किसान के लिए उसकी जमीन उसके मां के समान होती है, लेकिन सूरजपुर में सरपंच और सचिव ने दस्तावेजों के सहारे गरीब पैतृक जमीन को उसके जानकारी के बगैर बेच दिया। दरअसल सूरजपुर के डुमरिया गांव का निवासी शिव की मृत्यु 1989 में हो गई थी। मृतक का कोई पुत्र – पुत्री नहीं है, जिसकी वजह से उसके पुश्तैनी जमीन के मालिक उसके तीन भाई थे।
अब आरोप यह है कि गांव के सरपंच और सचिव मृतक के एक भाई को पैसे का लालच देकर जमीन बेचने के लिए उकसा रहे थे। लेकिन उसके द्वारा मना किए जाने के बाद सरपंच और सचिव के द्वारा उसके दूसरे भाई को इसके लिए मना लिया गया और 2008 का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे मृतक की लगभग आधा एकड़ जमीन एक अन्य आदमी को बेच दी।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
Grabbed The Poor’s Land: जब अखबार में जमीन बेचने का एक इत्सिहार छपा तब शिव के अन्य भाइयों को इसकी जानकारी हुई, इसके बाद उनके द्वारा कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। पीड़ित के द्वारा कोतवाली थाने में शिकायत किए हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन कार्रवाई तो दूर पुलिस के द्वारा अभी तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। पुलिस अभी भी मामले के जांच की बात कर रहे है।