Reported By: Vishnu Pratap Singh
, Modified Date: April 8, 2024 / 04:10 PM IST, Published Date : April 8, 2024/3:38 pm ISTCPRF open rammandir door in sukma: सुकमा। भगवान राम के जन्मभूमि अयोध्या में पाँच सौ वर्ष के इंतज़ार के बाद मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा इसी वर्ष जनवरी के 22 तारीख हुआ है। पूरा देश भगवान राम के मंदिर के बनने को उत्सव की तरह मना रहा है। एक ऐसा भी गाँव हैं जहां 21 वर्षों के लम्बे इंतज़ार के बाद भगवान राम के मंदिर के कपाट खुले हैं। नक्सलियों ने भगवान राम को मंदिर के अंदर ही कैद कर दिया था।
सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के केरलापेन्दा गाँव में कुछ लोगों ने बताया कि भगवान राम का मंदिर कई वर्षों पहले बनाया गया था। मंदिर कब और किसने बनाया, यह जानकारी तो ग्रामीण नहीं दे पाएँ पर वर्ष 2003 के आसपास नक्सलियों ने उक्त मंदिर को बंद करने का फ़रमान सुना दिया।
CPRF open rammandir door in sukma: कुछ ग्रामीणों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि नक्सलियों के कहने के बाद से तक़रीबन 21 वर्षों से मंदिर को बंद रखा गया। पर गाँव के ही एक परिवार के सदस्य रोज़ाना मंदिर के बाहर नक्सलियों से छिपते छिपाते आकर पूजा अर्चना करते रहे है। हाल ही में सीआरपीएफ़ व सुकमा पुलिस द्वारा केरलापेन्दा गाँव से लगे लखापाल में नया कैम्प खोला गया है। सुरक्षाबलों के कैम्प खोलने के बाद जवान ग्रामीणों से उनका हाल-चाल जानने पहुँचे थे।
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इसी बीच ग्रामीणों ने सीआरपीएफ़ जवानों को मंदिर के विषय में बताया और मंदिर को फिर से खोलने का आग्रह किया। जिसके बाद सीआरपीएफ़ 74वीं बटालियन के जवानों ने मंदिर परिसर में ही ग्रामीणों के लिए मेडिकल कैम्प लगाया और इसी दौरान मंदिर की साफ़ सफ़ाई भी करवाई गई। जवानों के साथ गाँव के ग्रामीण भी मंदिर की सफ़ाई में शामिल हुए और मंदिर की सफ़ाई कर मंदिर के कपाट खोले गए। जिसके बाद गाँव के ग्रामीणों ने मंदिर में सामूहिक रूप से पूजा अर्चना भी की और सीआरपीएफ़ के मेडिकल कैम्प में इलाज करा दवाइयाँ भी ली।
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