बिलासपुर: State employees will get DA like the Centre छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन एकबार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतर चुका है। इसी कड़ी में आज बिलासपुर समेत प्रदेश के तमाम जिलों में छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मशाल रैली निकालकर हल्ला बोला और अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा।
फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि, उनकी चार सूत्रीय मांगे लंबे समय से लंबित हैं। जिसमें केंद्र के समान महंगाई भत्ता, देय तिथि से लंबित डीए एरियर्स, केंद्र के समान गृहभाड़ा भत्ता और 240 के स्थान पर 300 अर्जित अवकाश नकदीकरण की मांग शामिल है।
सरकार ने वायदा करके अब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया है। सरकार अपनी गारंटी पूरी नहीं कर पा रही है। फेडरेशन का कहना है, तमाम मांगे केवल मांगे नहीं हैं बल्कि ये उनका अधिकार है। जिसे सरकार को अविलंब पूरा करना चाहिए।
इधर महासमुंद जिले के कर्मचारी अधिकारीयों ने चार सूत्रीय मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मशाल रैली निकाली। कर्मचारी अधिकारियों ने रैली में राज्य शासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट परिसर पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारी और अधिकारियों ने अपनी मांग में बताया कि, भाजपा के घोषणा पत्र में प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्र के समान 1 जनवरी 2024 से चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर मंहगाई भत्तों के एरियर्स राशि समायोजन जीपीएफ के खाते में किया जाए।
फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा के घोषणा पत्र में शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाये व केन्द्र के समान गृह भाडा भत्ता, मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।
फेडरेशन के जिला संयोजक ने चेतावनी देते हुए कहा कि, चरणबद्ध तरीके से सरकार के समक्ष अपनी मांग कर चुके हैं। चौथे चरण में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर कलम बंद हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार मांगों का समाधान नहीं करती है तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।