रायपुर : CG Assembly Election 2023 : इन दिनों प्रचार के दौर में नेताओं के दौरे, सभाओं और रैलियों के बीच मान-सम्मान और जान पर खतरे को लेकर धरना-प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस की बाढ़ सी आई हुई है। ये सब संयोग मात्र है, स्वाभाविक है या फिर चुनाव की पुख्ता प्लानिंग का, प्रचार का नयां पैंतरा है। क्यों ये सवाल उठा है, आखिर क्यों आमजन के बीच बार-बार जाति-धर्म-समाज और प्रदेश के मान-सम्मान का इमोशनल प्रश्न खड़ा किया जा रहा है। क्या फिर मुद्दों से ज्यादा इमोशनल कार्ड के भरोसे हैं दल।
देश और प्रदेश के दिग्गज नेताओं को सुना आपने, एक ने खुद के सम्मान को समाज के मान से जोड़ा तो दूसरे नेता ने प्रदेशभर के लोगों के स्वाभिमान से। देश के प्रधानमंत्री कहा मुझे गाली देते हैं, यानि सभी OBC को गाली देते हैं। जबकि CM भूपेश ने कहा रमन सिंह ने मुझे छोटा आदमी कहा मैने सुन लिया लेकिन बात छत्तीसगढ़ियों के अपमान की हुई तो न मैं चुप बैठूंगा न छत्तीसगढ़ की जनता… भरपूर जवाब मिलेगा।
CG Assembly Election 2023 : एक तरफ मान-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है तो दूसरी तरफ हमला पॉलीटिक्स। बीते दिनों छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री, सीनियर भाजपा विधायक, रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल पर चुनाव प्रचार के दौरान हुई झूमाझटकी के मामले में दोनों पक्षों से निजी वार-पलटवार, इमोशनल स्तर पार करता दिखा। बीजेपी नेताओं ने थाना घेरा, घंटो नारेबाजी और हंगामा हुआ, मुद्दे पर खुद बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बात केवल मान-सम्मान-अपमान की नहीं बल्कि जान की भी होने लगी है। वहीं, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और नवागढ से कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रुद्रकुमार के काफिले पर हमला होने पर समर्थकों ने नवागढ़ थाने को घेरकर जमकर हंगामा किया। खुद गुरू रूद्र कुमार अपने और परिवार पर हमले की आशंका जता चुके । इधर, जशपुर में कुनकुरी विधायक यू डी मिंज समेत 6 से अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज हुआ है। आरोपी नेताओं पर BJP महिला कार्यकर्ता से दुर्व्यवहार का आरोप है। BJP ने मामले में कार्रवाई की मांग पर जमकर हंगामा किया,थाने का घेराव किया घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इधऱ, भिलाई से विधायक देवेंद्र यादव के कथित वायरल वीडियो पर बयानों के तीखे वार के बाद यादव का दर्द ऐसे छलका कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके आँसू छलक पड़े। यादव का आरोप है कि विपक्ष उनकी छवि खराब करने ये षड़यंत्र रच रहा है।
इन सभी घटनाओं में एक बाद कॉमन है वो है। हमले पर हंगामा, वार-पलटवार का लंबा सिलसिला और फिर इमोशनल अंदाज में नसीहत या अपील। कुल मिलाकर विकास, दावों और वायदों के साथ-साथ दल एक बार फिर भावनात्मक पक्ष उठा कर लोगों को इमोशनली अपने पाले में लाना चाहते हैं। फिर वही सवाल है क्या जनता के बीच विकास के मुद्दों से ज्यादा इमोशनल दांव काम आता है?
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10 hours ago