सक्ती
अखिल भारतीय घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 651 परिवारों की घर वापसी करवाई। इस मौके पर प्रबल प्रताप ने दिलीप सिंह जूदेव की तरह धर्मांतरित लोगों के पैर धोकर हिंदू धर्म में जोड़ा। एक आयोजन के माध्यम से इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक लोग मौजूद रहे। प्रबल प्रताप सिंह जुदेव ने कहा, समूचे भारत में मिशनरियां बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करवा रही हैं, इससे भारत का भोगौलिक परिदृश्य बदल रहा है। धर्मांतरण के जहर ने हिंदू समाज को की संख्या पर बुरा असर डाला है। क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है। यह अत्यंत गंभीर और चिंता का विषय है।
सक्ती में हुए विराट हिन्दू समागम को में जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत रामबालक दास, साध्वी प्रज्ञा, मदकू द्वीप के संत राम रूप दास, अजय उपाध्याय, सभी संत समाजों के प्रमुख, धर्म जागरण के पूर्व अखिल भारतीय सह प्रमुख राजेंद्रजी, धर्म जागरण प्रांत प्रमुख राज कुमार चंद्रा, बस्तर सांसद महेश कश्यप,जांजगीर सांसद कमलेश जांगड़े, सक्ती महाराज धर्मेंद्र सिंह, धर्मसेना के सुरेंद्र बहादुर सिंह, शौर्य प्रताप सिंह जूदेव आदि शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा, सनातन संस्कृति को छद्म हिन्दुओं से सबसे बड़ा खतरा हैं। यह गुप्त ईसाइयत (क्रिप्टो क्रिस्चिनिटी ) हमारे हिन्दू समाज में रहकर छल पूर्वक धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं। ये स्लीपर सेल्स की तरह कार्य करते हैं। इनका पर्दाफाश करना आवश्कयक है। ताकि हिंदू समाज किसी तरह से ट्रैपिंग में न आए और इनके असली चेहरों को पहचान पाए।
इस मौके पर जूदेव ने धर्म सेना के सक्ति जिला अध्यक्ष श्याम चौहान को सम्मानित किया। चौहान उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें मिशनरियों ने धन का लालच देकर धर्मांतरिक करने का प्रयास किया था। चौहान ने इसे समय रहते भांप लिया और इन्हें एक्सपोज किया। चौहान ने अपने जीवन में सनानत बने रहना ज्यादा अच्छा समझा। वे इस लालच, प्रलोभन से दूर रहे।
बस्तर के खेम नेताम को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया। खेम ने मिशनरी माफिया के विरुद्ध संघर्ष किया। इसके कारण उन्हें भूपेश सरकार ने जेल में भी डाल दिया था। बस्तर के वनवासी जाति से आने वाले खेम नेताम को सनातन की रक्षा के लिए 6 महीनों तक जेल में रहना पड़ा। दोनों सनातनी योद्धाओ का मंच पर अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका अंजू गभेल, श्याम कुमार चौहान, रूपेंद्र गभेल एवं धर्म सेना की टीम ने सबका आभार व्यक्ति किया।