रायपुरः Sai Govt Schemes For Tribals छत्तीसगढ़ में साय सरकार बनने के बाद प्रदेश के विकास में एक नई गति देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारा प्यारा प्रांत छत्तीसगढ़ उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक और महासमुंद से राजनांदगांव तक चहूंओर खुशहाली का माहौल है। सरकार ने आम छत्तीसगढ़िया लोगों के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनाई है। एक ओर महतारी वंदन योजना से प्रदेश की महतारियां आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर कृषक उन्नति योजना से किसानों की जिदंगी संवर रही है। आदिवासियों के लिए सरकार ने कई फैसले लिए हैं, जिससे उनके जीवन में एक नया उजाला आया है। तो चलिए जानते हैं कि साय सरकार कौन-कौन सी योजना आदिवासियों के लिए चला रही हैः-
Sai Govt Schemes For Tribals अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने एवं स्वरोजगार से जोड़ने हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंत्योदय या आदिवासी स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। योजना में बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति पर 50% या अधिकतम दस हजार रूपए जो भी कम हो अनुदान का प्रावधान है। इस योजना के तहत प्रकार का वैध व्यवसाय जैसे खोमचे, पान दुकान, मोटर सायकिल रिपेयरिंग, टेलरिंग, सिलाई मशीन, मोची के लिए लोन ले सकते हैं। प्रदेश में इसका सफल क्रियान्वयन हो रहा है। यही वजह है कि इस योजना के जरिए प्रदेश के हजारों युवा अब खुद का व्यवसाय कर आर्थिक रूप से सक्षम हो गए हैं।
अंत्यावसायी वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए संचालितत व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना में कम पढ़े लिखे, पढ़ाई छोड़ चुके युवक/युवतियों के आर्थिक उत्थान के लिए तकनीकी व्यवसायिक प्रशिक्षण देने का कार्य 16 व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों में किया जा रहा है। प्रशिक्षण केन्द्र एस.डी.आई SDI एवं MMKVY में पंजीकृत VTP है। प्रत्येक केन्द्र में प्रतिवर्ष 150 सीटे रखी गई है। प्रशिक्षण 4 सत्र में संचालित किये जा रहे है। इन केंद्रों से आदिवासी वर्ग के युवा प्रशिक्षण लेकर खुद के लिए सुनहरे भविष्य गढ़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग के असहाय, साधन विहिन व्यवसाय के इच्छुक को प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से सक्षम/समर्थ बनाने (आर्थिक उत्थान) के लिए साय सरकार यह योजना चला रही है। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण से प्राप्त राशि से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को स्वावलम्बी बनाने के लिए “मिनीमाता स्वावलम्बन योजना” के नाम से योजना संचालित की जा रही हैं। इस योजना के उद्देश्य की बात करें तो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए अनुसूचित जाति वर्ग के ऐसे असहाय व्यक्ति जो स्वयं का व्यवसाय/उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हैं, किन्तु उनके पास कोई व्यावसायिक पृष्ठ भूमि नहीं है अथवा स्वयं के साधन एवं पूंजी नहीं है, उन्हें आर्थिक योजनाओं में प्रशिक्षण, साधन एवं पूंजी उपलब्ध कराते हुए व्यवसाय में स्थापित कराना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुडें और व्यावसायिकता की ओर प्रोत्साहित हो सकें।
आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के लिए शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना भी चला रही है। यह योजना भी मिनीमाता स्वालंबन योजना की तरह ही अनुसूचित जनजाति विकास प्राधिकरण के माध्यम से संचालित की जाती है। इसके माध्यम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को आर्थिक योजनाओं में प्रशिक्षण, साधन एवं पूंजी उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार से जोड़ना है। इसके जरिए प्रदेश के आदिवासी वर्ग के हजारों लोग खुद का उद्यम चलाकर आर्थिक रूप से सक्षम हो रहे हैं।