बिलासपुर: Guru Ghasidas University गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की अभिनव परिकल्पना को साकार करने का संकल्प माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने लिया है तथा इसके लिए एक वृहद कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसके संबंध में माननीय कुलपति महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 04 मई, 2022 को सुबह 10 बजे बैठक आहूत हुई।
Guru Ghasidas University माननीय कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से इस वृहद कार्ययोजना को मूर्तरूप देने के लिए तीव्र गति से प्रयास प्रारंभ कर दिये हैं। राज्य के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण से यहां के स्थानीय युवाओं के सर्वांगीण विकास के अपने सामाजिक दायित्वबोध के साथ स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए कुलपति प्रो. चक्रवाल ने शिक्षा जगत से जुड़े हुए विशेषज्ञों के साथ मंथन किया।
कुलपति महोदय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं में असीम संभावनाएं हैं। स्वावलंबी छत्तीसगढ़ में हमें इन्हें पहचानने तथा कौशल विकास के माध्यम से इनकी प्रतिभा को निखारने के साथ प्रस्तुतिकरण पर बल देते हुए उद्यमिता के गुणों का विकास करते हुए स्वावलंबी बनाना है। अपने पदभार ग्रहण करने के दिन से ही कुलपति महोदय युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। युवा विद्यार्थियों को रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार का सृजन करने वाला बनना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है बल्कि उस कार्य को संपादित करने वाला व्यक्ति कार्य के आकार, प्रकार, प्रतिष्ठा और ख्याति को निर्धारित करता है। स्वावलंबी विद्यार्थी समाज के हित के साथ ही राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अहम योगदान देता है।
अभिनव पहल के इस संकल्प के अंतर्गत विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष से ही स्टार्ट अप के विषय में मूलबूत जानकारियां प्रदान कर उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। विद्यार्थी अध्ययनकाल के दौरान किसी पर भार नहीं होगा साथ ही वो भविष्य की चुनौतियों के लिए स्वावलंबन, साहस एवं बुद्धि कौशल से संपन्न होगा। विश्वविद्यालय और उद्योग जगत से जुड़े हुए विषय विशेषज्ञ विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं से अवगत कराने के साथ उनकी बारीकियों के विषय में जानकारी साझा करेंगे। बैठक में संस्था और उद्योग के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्णय लिया गया।
स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, जिला उद्योग केन्द्र, जिला उद्योग संघ, सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए, एमएसएमई एवं राज्य के प्रतिष्ठित उद्यमियों से विचार विमर्श के साथ उद्योगों के अनुसार विश्वविद्यालय में जारी पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव भी किये जाएंगे। बैठक में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए राज्य एवं केन्द्रीय स्तर पर समन्वय एवं विश्वविद्यालय की अधोसंरचना के नवीनीकरण पर बल दिया गया।
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