रायपुर : Ayodhya Ram Mandir : 22 जनवरी 2024 इस तारीख का इंतजार सदियों से सनातनी करते रहे। इस तारीख पर राम की जन्मभूमि अयोध्या पर विशाल राम धाम में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होनी है। एक ऐसा मंदिर एक ऐसा अनुष्ठान जिसके निर्माण के लिए संघर्ष में कई रामभक्तों ने अपने प्राण तक दिए। एक तरफ पूरा देश इंतजार कर रहा है शुभ घड़ी का तो दूसरी तरफ कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता इस आयोजन को लेकर जिस तरह के बयान दे रहे हैं। उससे विपक्षी खेमें का असमंजस, दुविधा नजर आती है। सवाल उठता है राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर क्या है विपक्ष का रूख, क्यों वो इससे दूरी बना रहे हैं, क्यों वो इसपर खुलकर कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं। क्या इस समारोह से बीजेपी को होने वाला लाभ को लेकर इंडी गठबंधन अभी से उखड़ा हुआ है।
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वक्त नजदीक आ गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए अतिथियों को न्योता भेजा है। विपक्षी दलों के नेताओं को भी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का बुलावा मिला है। लेकिन विपक्षी दलों में इस पर असमजंस की स्थिति बन गई है।
इन न्योतों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। जिन दलों और नेताओं को न्योता दिया गया है, वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि कार्यक्रम में जाना है या नहीं? कुछ नेता तो स्पष्ट रूप से इंकार कर चुके हैं और बीजेपी पर राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं। यानी लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर फिर से सियासी मसला बनता जा रहा है।
Ayodhya Ram Mandir : वही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा छग में भी बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने हैं। बीजेपी ने कहा कांग्रेस ने पहले भी आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। कार्यक्रम राम द्रोही और राम प्रेमी सभी प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया गया है। प्रभु राम जन-जन के हैं, श्रीराम दुनिया के आदर्श हैं। आखिर कांग्रेस पार्टी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा क्यों दूरी बना रही है। बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस ने कहा मंदिर दर्शन के बीजेपी से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से लेकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एचडी देवगोड़ा तक का निमंत्रण भेजा गया है। ट्रस्ट ने करीब 6 हजार लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा है। लेकिन एमपी में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों का रिएक्शन भी आपको सुनाते हैं।
लेकिन अब विपक्ष धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण का आरोप लगाकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। चूंकि कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में ये मुद्दा सियासी रूप गरम भी होता दिख रहा है।
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