रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा और आगजनी कांड में कई सुलगते सवाल हैं, क्या वहां कोई साजिश अंजाम दी गई, हां तो किसका षड़यंत्र था। जाहिर है इन सब सवालों के जवाब मिलेंगे जांच से, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस-बीजेपी ने भी अपने-अपने जांच दल बनाए। पहले कांग्रेस और अब बीजेपी की जांच टीम ने बलौदाबाजार पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया, स्थानीयों से पूछताछ कर तथ्य जुटाए। इन जांच टीम्स के बनने से लेकर अब तक बयानों और बहस का सिलसिला थमा नहीं है। बल्कि अब इस पर प्रदर्शन के नए-नए मोर्चे खुल रहे हैं।
कांग्रेस ने घोषणा कर दी है वो 18 जून, मंगलवार को बलौदाबाजार हिंसा के खिलाफ प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा जोगी कांग्रेस और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी इस मामले में एंट्री कर चुके हैं। सबसे बड़ा सवाल है, क्या एक चूक के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान की हिंसा को अब बयानों-प्रदर्शनों की ये नई श्रृंखला शांत करेगी, क्या इससे घटना का सच जल्द सामने आएगा?
बलौदाबाजार में हिंसा और आगजनी कांड को भले ही सप्ताह भर बीत चुका हो, लेकिन इसे लेकर सियासी लपटें अब भी सुलग रही है हैं। अग्निकांड की पुलिस SIT और मूल घटना की न्यायिक जांच के बीच विपक्षी दल कांग्रेस का जांचदल बलौदाबाजार जाकर अपनी जांच-पड़ताल कर चुका है। अब जवाब में भाजपा ने भी वहां अपना जांच दल भेजा। जांच दल के संयोजक और मंत्री दलायदास बघेल की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल सबसे पहले गिरौदपुरी पहुंचा, मानकोनी स्थिति अमर गुफा जाकर जैतखाम का निरीक्षण किया, वहां पुजारी और स्थानीयों से बात कर, बीजेपी जांच दल बलौदाबाजार जिला मुख्यालय पहुंचा, यहां कंपोजिट कलेक्ट्रेट बिल्डिंग में हुई आगजनी और हिंसा पर तथ्य जमा कर फिर से कांग्रेस पर षड़यंत्र करने के, लोगों को उकसाने के गंभीर आरोप दोहराए।
दूसरी तरफ बीजेपी के जांच दल के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पूछ रही है कि क्या भाजपा को अपनी सरकार की जांच पर भरोसा नहीं? पूर्व CM भूपेश बघेल ने भी X-पोस्ट कर भाजपा नेताओं पर षडयंत्र करने का आरोप लगाया। 18 जून को बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस कल सभी जिला मुख्यालयों में धरना करेगी। सभी जिलों में धरना के लिए कांग्रेस के प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं।
कांग्रेस और बीजेपी की जांच टीमें बलौदाबाजार कांड का अपने-अपने हिसाब से मुआयना कर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा चुकी हैं तो वहीं, जोगी कांग्रेस ने भी ऐलान कर दिया है कि वो 1 जुलाई से बलौदाबाजार में आमरण अनशन करेंगे। जबकि, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने X-पोस्ट कर कहा है कि हमारे कार्यकर्ताओं की पिटाई निंदनीय है, र्बरबरतापूर्ण है, दमनकारी है, जिसे फौरन रोकें। आजाद ने जल्द रायपुर आकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने का भी ऐलान किया है। कुल मिलाकर आगजनी-हिंसा के बाद प्रशासन के हालात सामान्य करने के प्रयासों के बीच हर एक सियासी दल घटना पर अपना-अपना सूटेबल सियासी एंगल तलाश कर रहा है। सवाल है क्या ये सियासत, बलौदाबाजार को, समाज को, प्रदेश को रास आएगी?
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