CG Naxal Operation: रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वो कई बैठकों में शामिल होंगे। लेकिन, गृहमंत्री अमित शाह के दौरे का मुख्य एजेंडा नक्सलवाद है। क्या तीन दशक से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी इस समस्या के खात्मे का वक्त आ गया है? क्या यूनिफाइड कमांड की अवधारणा सही मायनों में जमीन पर उतर पाएगी? क्या अब टाइम फ्रेम के अंदर छत्तीसगढ़ से नक्सल हिंसा खत्म हो सकेगी..? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिसके जवाब शाह को ढूंढ़ने होंगे। मगर, शाह के दौरे को लेकर सियासत भी तेज है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि, बीजेपी सरकार नक्सल मामले पर नाकाम साबित हुई है और इसलिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व परेशान हैं।
केंद्र की मोदी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की ओर आगे बढ़ चुकी है। गृहमंत्री अमित शाह अपने तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान नक्सलवाद के नासूर को जड़ से खत्म करने फाइनल ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। गृहमंत्री रायपुर में छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्रप्रदेश जैसे नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव और DGP के साथ बैठक करेंगे और इस बैठक का मुख्य एजेंडा नक्सलवाद का सफाया ही होगा। दरअसल, राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि, प्रदेश से नक्सलवाद को 3 साल के अंदर खत्म कर दिया जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे औऱ नक्सलवाद के खिलाफ फूल प्रूफ रणनीति के मसले पर सूबे के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर आने वाले वक्त में सयुंक्त रणनीति पर काम होगा। अमित शाह के दौरे को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत भी तेज है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने तंज कसते हुए कहा कि, अमित शाह को छत्तीसगढ़ की बिगड़ी हुई लॉ एंड आर्डर की स्थिति पर भी चर्चा करना चाहिए, उन्होंने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है इसको दुरुस्त करने अमित शाह को आना पड़ा।
शाह के दौरे का असल एजेंडा तो नक्सलवाद का खत्मा है ही, साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री विशेष आमंत्रित लोगों से मुलाकात भी करेंगे औऱ सरकार के डेवलपमेंट के कामों का रिव्यू करेंगे। 25 अगस्त की NCB ब्रांच ऑफिस का उद्घाटन के बाद नारकोटिक्स विभाग का रिव्यू करेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री नया रायपुर स्थित निर्माणाधीन विधानसभा परिसर में पौधारोपण करेंगे। कुल मिलाकर अमित शाह साय सरकार के सात महीने के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे। अब देखना ये होगा कि केंद्रीय गृह मंत्री का ये दौरा छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को किस दिशा में ले जाता है।