CG Shikshak Bharti: रायपुर। 2023 में ऐन चुनाव से पहले पिछली सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की। प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं ने आवेदन दिया। लेकिन, फिर आचार संहिता लागू हुई और भर्ती प्रक्रिया बीच में हो अटक गई। अब 2024 के आधे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अभ्यर्थी प्रक्रिया पूरी कराने चक्कर लगा रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर दर-दर भटक चुके अभ्यर्थी एसटी आयोग पहुंचे और काउंसलिंग शुरू करने की मांग की। बीजेपी कहती है के ये सब पिछली कांग्रेस सरकार का सियासी लाभ के लिए बेरोजगारों से छलावा था, हम न्याय करेंगे तो कांग्रेस मौजूदा सरकार पर आरोप लगा रही है।
साल 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले बस्तर और सरगुजा संभाग के लिए 12 हजार 489 पदों पर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाल प्रदेश में जोर-शोर से भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। हजारों अभ्यर्थियों ने प्रक्रिया का पालन करते हुए फार्म भरा। लेकिन, फिर आ गए चुनाव और भर्ती प्रक्रिया बीच में ही अटक गई। 2023 खत्म हुआ, अगला साल भी आधे से ज्यादा बीत चुका है। लेकिन, प्रारंभिक चरण पास करने वाले अभ्यर्थियों को अब भी काउंसलिंग और पोस्टिंग का इंतजार है।
ऐसे ही सैंकड़ों शिक्षक अभ्यर्थियों ने अब रायपुर पहुंचकर प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। नाराज शिक्षक अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह से मुलाकात कर, जल्द से जल्द काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। कांग्रेस सरकार के समय निकाली गई इन वैकेंसी पर सियासी अब सरकार बदलने के बाद भी नियुक्ति क्यों नहीं मिल सकीं। इस पर दोनों पक्ष एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करते नजर आए। बीजेपी का दावा है कि वो जल्द ही अभ्यर्थियों के साथ न्याय करेगी।
अधूरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर जारी ब्लेम-गेम और सियासत से इतर अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब दे रहा है। वजह भी साफ है प्रक्रिया शुरू हुई साल 2023, जिसमें कुल 12,489 पदों पर विज्ञापन के आधार पर, बस्तर और सरगुजा संभाग में तकरीबन 1000 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, जबकि व्याख्याता के 55 पद भरे जाने हैं। सबसे बड़ा संकट ये कि अब तक सभी चुनाव हो चुके हैं, आचार संहिता हटे भी वक्त बीत गया है तो फिर देर कहां हो रही है, भर्तियां अटकी क्यों हैं, इस सवाल का ठीक-ठीक जवाब किसी के पास नहीं है।