CG Ki Baat: रायपुर। जो फरियादी थे वही आरोपी निकले, 9 माह से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में खराब कानून-व्यवस्था की रट लगाती रही। न्याय यात्रा निकालकर जनता का समर्थन लेने का दावा करती रही। लेकिन, एक तस्वीर ने सारी कहानी बदल दी, जिसमें बलौदाबाजार कांड के आरोपी देवेंद्र यादव, सूरजपुर कांड दो आरोपियों के साथ इस तरह गल-बहियां डाले नजर आ रहे हैं, मानों उनका जनम-जनम का साथ हो।
पैटर्न तो देखिए.. बलौदाबाजार कांड के जो कांग्रेसी शोर मचा रहे थे, बाद में साजिश की उंगली उन्हीं की ओर उठी और कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव गिरफ्तार हो गए। देवेंद्र यादव 68 दिनों से जेल में बंद हैं। इधर सूरजपुर में जो NSUI नेता अपनी पार्टी के पाक-साफ होने की गवाही दे रहा था। अब वहीं, जघन्य वारदात के आरोपी निकले। प्रदेश की राजनीति को इस तस्वीर ने 360 डिग्री घूमा दिया है जाहिर है अब सवाल भी नए हैं और विलेन भी।
सूरजपुर डबल मर्डर केस में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई। बीच में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव हैं और कांग्रेस के विधायक जिन 2 लोगों के साथ पूरे अधिकार और गर्मजोशी के साथ फोटो खीचवा रहे हैं। वो सूरजपुर डबल मर्डर के आरोपी हैं और कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के जिला अध्यक्ष और महासचिव हैं। तस्वीर देखकर इनकी प्रागढ़ संबंधों का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन, इनके बीच एक और समानता है और वो ये कि ये तीनों हिंसा के आरोप में जेल में बंद हैं। कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव बलौदाबाजार हिंसा में आरोपी के तौर पर जेल में बंद हैं, और सूरजपुर में पुलिसकर्मी की पत्नी और बेटी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी कुलदीप साहू और NSUI का जिला अध्यक्ष चंद्रकांत चौधरी भी गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद हैं।
इसके अलावा एक और वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें सूरजपुर का NSUI जिला अध्यक्ष PCC चीफ के साथ यात्रा में नजर आया। बीते 10 महीने से जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार लौटी है तब से कांग्रेस पार्टी यही रट लगाए बैठी थी कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर बेपटरी हो गई है। पहले बलौदाबाजार, फिर कवर्धा और फिर सूरजपुर ने कांग्रेस को और खुलकर सियासी हमला करने का मौका भी दे दिया। लेकिन, तीनों मामलों में आरोपियों का कांग्रेस कनेक्शन सामने आने के बाद सवालों के घेरे में कांग्रेस है।
बीजेपी पहले से ही ये कहती आई थी कि कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ को अशांत करने की साजिश रच रही है, और प्रदेश में हुए हर हिंसा से किसी न किसी कांग्रेस नेता का जुड़ना बीजेपी के आरोपों को और बल दे रहा है। पिछले 10 महीने से बेलगाम लॉ एडं ऑर्डर का राग कांग्रेस अलाप रही थी और इसी के बहाने सरकार को घेर रही थी। ये दांव भी अब उल्टा पड़ता दिख रहा है।