रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। अपने प्रवास के दौरान आज गृहमंत्री शाह ने इंटर स्टेट कोडिनेशन कमेटी की बैठक ली और इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे की बैठक ली। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा, DGP समेत पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने PC भी ली। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में हुए कार्यों और नक्सल मुद्दे पर हुई चर्चा के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद अच्छा काम किया है। साय सरकार के बनने के बाद अभी तक लगभग 179 नक्सलियों को मार गिराया है। 559 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 540 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सलवाद के खात्मे को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की। अमित शाह ने हिडमा के गांव का दौरा करने पर गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि – साय और शर्मा ने अच्छा काम किया है। विजय शर्मा गृहमंत्री के रूप में हिड़मा के गांव में आयुष्मान कार्ड बांटते हैं।
पीसी के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया। अमित शाह ने कहा कि, आज की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कुछ फैसले लिए हैं। नक्सल क्षेत्र में निरक्षरों को साक्षरता अभियान चलाया जाएगा। तेंदूपत्ता खरीदी में बड़ा बदलाव करेंगे। एनआईए की तर्ज पर एसआईए और मजबूत करेंगे। नक्सल क्षेत्र में कनेक्टिविटी पर फोकस किया है।अमित शाह ने नक्सलियों से आह्वान किया कि नक्सली नीति को स्वीकार कीजिए। हथियार छोड़कर विकास में सहयोग कीजिए।
अमित शाह ने कहा कि, आत्मसमर्पण नीति की भी राज्य सरकार एक दो महीनों में घोषणा करेगी। 2024 तक आते-आते कई राज्य नक्सलमुक्त हुए हैं। बिहार, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, झारखंड, आंशिक महाराष्ट्र नकसल मुक्त हुआ है। 2022 से 2024 के बीच उग्रवादी घटनाएं घटी। शीर्ष 14 नक्सल नेताओं को न्युट्रालाइज किया गया है। वामपंथी विचार की जगह विकास का विश्वास पैदा करने में सफल हुए हैं। हमने दो उद्देश्यों पर काम किया, पहला रूल ऑफ ला स्थापित करना दूसरा जो विनाश हुआ था उससे विकास जो रुका है उसे ठीक किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि, बस्तर क्षेत्र से विशेष भर्तियां होगी। ताकि बस्तर के युवाओं को पर्मानेंट नौकरिया मिल सकें। अमित शाह ने अपील की कि, युवा साथ आएं अब और क्या वार्ता रह गई। यही शांति वार्ता है। हथियार छोड़िए, विकास में जुड़िए। अलग से कोई शांति वार्ता की जरूरत नहीं है।