Reported By: Indar Kotwani
,तिल्दा। Tilda News: तिल्दा के पास एक गांव में एक्सपायर दवा पीने से एक डेढ़ साल की बच्ची की हालत बिगड़ गई। इलाज के लिए मासूम बच्ची को परिवार के लोग बुधवार सुबह सामुदायिक केंद्र ले गए तब पता चला कि बच्ची को जो दवां पिलाई गई थी वो दवा दो साल पहले एक्सपायर हो चुकी थी। इसके बाद बच्ची के पिता दवा देने वाले डाॅक्टर के क्लीनिक पहुंच गए और प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की। ग्राम भूरसुदा निवासी अनूप नायक डेढ़ साल की बेटी देशिका नायक का इलाज कराने तिल्दा दीनदयाल चौक के पास स्थित एक प्राइवेट बच्चों की कान्हा हॉस्पिटल लाया था। शाम को अस्पताल में बैठी एक महिला डॉ ने बच्ची की जांच कर उसके लिए अस्पताल के अंदर संचालित मेडिकल से दवा लाने के लिए पर्ची लिख दी। दवा लाने के बाद डॉ ने दवा पिलाने के बारे में जानकारी देकर अपनी फीस लेकर रवाना कर दिया।
2 साल पहले ही एक्सपायर हुई थी दवा
डॉक्टर के बताए अनुसार बच्ची को रात को निर्धारित मात्रा में दवां पिलाई गई। उसके बाद बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बुधवार की सुबह बीमार बच्ची को लेकर उसके माता-पिता रोते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां बच्ची का तुरंत इलाज शुरू किया गया और डॉक्टर ने जब पिलाई गई दवा के बारे में पूछा तो परिजनों ने दवां को डॉक्टर के सामने रख दिया। जिसे देख डॉ सन्न रह गया। दरअसल, जो दवा बच्ची को पिलाई गई थी। वह 2 साल पहले एक्सपायर हो चुकी थी। इधर जब एक्सपायरी दवा की जानकारी उनके पिता को हुई तो वह आक्रोशित हो गए और अपने परिजनों और साथियों के साथ कान्हा अस्पताल पहुंच गए और डॉक्टर को तत्काल गिरफ्तार की मांग करने लगे। देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ लग गई और लोग प्रदर्शन करते हुए अस्पताल के सामने नारेबाजी करने लगे।
मारपीट पर उतारू हुए परीजन
Tilda News: जानकारी मिलने के बाद पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। इसी बीच बीएमओ आशीष सिन्हा भी टीम के साथ अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने जब मेडिकल में रखी दवाईयों की जांच की तो दवाई रूम में रखी आधे से भी अधिक ऐसी दवाइयां मिली जो 3 से 4 साल पहले एक्सपायर हो चुकी थी। इतना ही नहीं कई ऐसी दवाइयां रखी हुई थी जिनकी एक्सपायर होने की तारीख को मिटा दिया गया था। इस संबंध में जब कान्हा हॉस्पिटल के डॉक्टर राजेंद्र से बातचीत की गई तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उसका कहना था कि उसने कोई एक्सपायर दवा नहीं दी है। तभी आक्रोशित लोग उनसे मारपीट पर उतारू हो गए। तब उन्होंने कहा कि हम सिर्फ दवां लिखते हैं। दवाई देने का काम दवा दुकान में बैठा फार्मेसिस करता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सपायर दवा देने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बीएमओ आशीष सिंह ने बताया कि एक्सपायरी दवा देना माट पोल के अनुसार दवा पीने वाले व्यक्ति के लिए असुरक्षित होती है।
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