Success for police and security forces on Naxal front || नक्सलवाद लेटेस्ट समाचार बस्तर

Chhattisagrh Naxalites Latest News: : सरेंडर करो या फिर सीधे ढेर!.. बीजापुर में 14 नक्सली गिरफ्तार, नारायणपुर में 9 ने डाले पुलिस के सामने हथियार

सफल अभियान के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों का मनोबल और मजबूत हुआ है। पुलिस और सुरक्षाबलों की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने में सहायक होगी, बल्कि राज्य के विकास कार्यों को भी गति प्रदान करेगी।

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Modified Date: January 24, 2025 / 06:46 PM IST
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Published Date: January 24, 2025 6:46 pm IST

Success for police and security forces on Naxal front : रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के अपने संकल्प को साकार करने में पूरी ताकत झोंक रही है। नए साल की शुरुआत से ही सुरक्षाबलों की आक्रामक कार्रवाई ने उल्लेखनीय परिणाम दिखाए हैं। जनवरी के अभी 22 दिन ही बीते हैं, और सुरक्षाबलों ने 50 से अधिक हथियारबंद माओवादियों को मुठभेड़ों में ढेर कर दिया है।

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आत्मसमर्पण का सिलसिला जारी

सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई का असर साफ दिख रहा है। डर के कारण नक्सली संगठन छोड़कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। इसी क्रम में नारायणपुर जिले में 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन सभी पर सुरक्षाबलों के खिलाफ साजिश रचने और नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नकद सहायता, आवास और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

14 नक्सलियों की गिरफ्तारी

Success for police and security forces on Naxal front : मुठभेड़ और आत्मसमर्पण के बीच, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की गिरफ्तारी में भी बड़ी सफलता हासिल की है। धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने 14 माओवादियों को गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारियां टेकमेटला, नड़पल्ली और मल्लेमपेंटा के जंगलों से की गईं। इनमें से 8 नक्सलियों पर 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उनके पास से स्पाइक और जमीन खोदने वाले औजार बरामद किए गए। इस कार्रवाई में डीआरजी, उसूर थाना के जवान, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ के संयुक्त बल शामिल थे।

गरियाबंद में ऐतिहासिक ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन को हाल ही में गरियाबंद जिले में अंजाम दिया गया। मैनपुर के कुल्हाड़ीघाट और भालूडिग्गी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान 27 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया। हालांकि, मुठभेड़ के बाद 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। इस अभियान में कई शीर्ष नक्सली नेताओं का सफाया हुआ, जिसमें सीसी सदस्य चलपति और सत्यम गांवड़े भी शामिल थे।

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Success for police and security forces on Naxal front : इस सफल अभियान के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों का मनोबल और मजबूत हुआ है। पुलिस और सुरक्षाबलों की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने में सहायक होगी, बल्कि राज्य के विकास कार्यों को भी गति प्रदान करेगी। सरकार की यह रणनीति दिखाती है कि नक्सलवाद के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई में हर मोर्चे पर सफलता सुनिश्चित की जाएगी।

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छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद कब से सक्रिय है?

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद 1980 के दशक से सक्रिय है। यह समस्या विशेष रूप से बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, और सुकमा जिलों में अधिक गंभीर है।

सरकार नक्सलवाद के खिलाफ क्या कदम उठा रही है?

सरकार नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़, आत्मसमर्पण नीति, पुनर्वास योजना, और विकास कार्यों के जरिए प्रयासरत है।

नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर क्या सुविधाएं दी जाती हैं?

नक्सलियों को आत्मसमर्पण के बाद राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नकद सहायता, आवास, और सुरक्षा प्रदान की जाती है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कौन-कौन से सुरक्षाबल तैनात हैं?

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, और अन्य अर्धसैनिक बल तैनात हैं।

सरकार का नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए क्या योजना है?

सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, रोजगार सृजन, और बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास कर रही है।
 
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