रायपुर: Naxal Mukt Bastar सुशासान और छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास का सपना लेकर सत्ता में आई विष्णुदेव साय सरकार पहले ही दिन से प्रदेश के हित में काम कर रही है। जहां एक ओर सरकार ने सत्ता में आते ही गरीबों के आवास का बड़ा फैसला लिया तो दूसरी ओर महतारियों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सांय—सांय फैसला लेते हुए महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1000 रुपए खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। विष्णुदेव साय सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार के साथ मिलकर बस्तर के विकास के लिए भी बड़े सपने संजोए थे, जो अब साकार हो रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं बस्तर को नक्सल मुक्त करने और विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम जिसमें साय सरकार शत प्रतिशत खरा उतर रही है।
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Naxal Mukt Bastar दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की घोषणा की थी। केंद्र के दोनों ही नेताओं ने ये तय कर दिया था कि एक निश्चित समय के भीतर नक्सलवाद को खत्म कर बस्तर के कोने—कोने तक विकास की गंगा बहानी है। नक्सलवाद के खात्मे में की तारीख मार्च 2026 तय की गई है और उसी दिशा में साय सरकार ताबड़तोड़ काम कर रही है। विष्णुदेव सरकार के इस प्रयास की गवाही मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के आंकड़ें देते हैं।
नक्सल मुक्त बस्तर अभियान के अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 9 महीने की साय सरकार के सफल नेतृत्व में जवानों की टीम ने 194 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। वहीं, 700 से अधिक नक्सलियों ने लाल गलियारे को अलविदा कह दिया है और मुख्यधारा में लौट आए हैं। जबकि 500 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि नक्सली की कमर टूट चुकी है और अब उनके पास आत्मसमर्पण के सिवाए और कोई रास्ता नहीं बचा। अगर नक्सली आत्मसर्पण नहीं करते हैं तो फिर ये भी तय है कि जवानों की गोलियां उन्हें बख्शेगी नहीं।
नक्सल मुक्त बस्तर बनाने के लिए साय सरकार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे विजय शर्मा ने खुद बस्तर का दौरा किया है और इस अभियान के लिए कई समाज के प्रमुखों से मिलकर राय शुमारी की, जिसके बाद मीडिया के माध्यम से नक्सलियों को बातचीत के लिए प्रपोजल भी दिया गया। लेकिन नक्सली अपना अड़ियल रवैया अपनाए बैठे रहे। आखिरकार हुआ वही जिसकी चेतावनी पहले ही दी जा चुकी थी। जी हां आप सही समझे जवानों ने नक्सल मांद में घुसकर 194 नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि कुछ ऐसे लोग भी थे तो लाल गलियारे से बाहर आना चाहते थे और 700 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौट गाए।
बस्तर के वनांचल में तैनात जवानों ने अपने साथियों को आंख के सामने शहीद होते देखा था, जिसका दर्द वो अंदर ही अंदर दबाए बैठे थे। वहीं, साय सरकार ने सत्ता में आते ही बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए जवानों को खुली छूट दे दी, जिसके बाद नक्सल डीजी सुंदरराज पी और अधिकारियों की टीम ने छत्तीसगढ़ के 1000 बेस्ट जवानों की टीम बनाई और निकल पड़े जंगल की ओर। 4 सिंतबर ही वो दिन था जब जवानों ने सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया, जिसमें कई इनामी नक्सली भी शामिल थे।
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