CG Ki Baat: रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों कानून व्यवस्था को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस पहले ही कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर भाजपा पर हमलावर है। इस बीच अब भाजपा के नेताओं ने भी गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में कानून व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई है।
कांग्रेस लगातार कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठा रही है। इसी मुद्दे पर 24 जुलाई को कांग्रेस ने विधानसभा घेराव का ऐलान भी कर दिया है। साथ ही सदन के भीतर इस मुद्दे पर स्थगन लाकर सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार की है। इधर भाजपा के नेता भी लगातार बढ़ रहे अपराध को लेकर चिंतित है। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर बुलाई गई गृह विभाग की बैठक में प्रदेश के पूर्व मंत्री और रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर नाराजगी जताई।
इस बैठक में बृजमोहन अग्रवाल ने पुलिस अफसरों को दो टूक लहजे में कहा कि अपराधियों में पुलिस का भय हो। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने भी बैठक में अपराधिक घटनाओं को लेकर चिंता जताई है। भाजपा नेताओं की नाराजगी ने कांग्रेस को बैठे बिठाए तंज कसने का मौका दे दिया है। विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर घेरती आई है। लेकिन, अब भाजपा के वरिष्ठ नेता खुद ही अपनी सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहे हैं। न केवल घेर रहे हैं कि बल्कि मीडिया में इस बात को जाहिर भी कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या कानून व्यवस्था के बहाने सीनियर नेता सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं या फिर सत्ता से दूर होने की खीज वो किसी तरह उतारने में लग गए हैं? सवाल ये भी कि गृह और पुलिस विभाग के अफसरों की क्लास लगने के बाद क्या अब छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधी और बदमाशों के मन में खौफ पैदा पाती है या नहीं।
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