Kawasi Lakhma ED Raid Today Live Updats : रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सक्रियता एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। आज ईडी ने रायपुर और सुकमा में कांग्रेस नेताओं और उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए, जिससे संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने अशोका रत्न में भी छापेमारी की गई है। बताया जा रहा है कि ईडी के अफसर फिलहाल कवासी लखमा के पूर्व ओएसडी देवांगन के घर पर मौजूद है और सुबह से ही दस्तावेजों की जाँच कर रहे है।
अशोका रत्न में ED की दबिश – कवासी लखमा के OSD रहे जयंत देवांगन के घर ED की रेड#EDRaid | #Chhattisgarh | #KawasiLakhma | #Raipur | @INCChhattisgarh https://t.co/FU5hnE2qcH
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Kawasi Lakhma ED Raid Today Live Updats : जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़ी हुई है। ईडी ने इस घोटाले की जांच के तहत आज कई स्थानों पर दबिश दी। कार्रवाई के दौरान, पूर्व मंत्री कवासी लखमा के करीबी माने जाने वाले सुशील ओझा के रायपुर के चौबे कॉलोनी स्थित आवास पर छापा मारा गया। हालांकि, ओझा मौके पर मौजूद नहीं थे।
परिजनों ने बताया कि सुशील ओझा पिछले दो दिनों से गायब हैं और अपने मोबाइल फोन घर पर छोड़कर गए हैं। ईडी की टीम ने उनकी तलाश में रायपुर के नयापारा स्थित सद्दाम सोलंकी के घर पर भी छापा मारा, लेकिन वहां से भी कोई सफलता नहीं मिली। फिलहाल चौबे कॉलोनी में ईडी की कार्रवाई जारी है।
ईडी ने आज पूर्व मंत्री कवासी लखमा के जोरा स्थित आवास पर भी छापा मारा। इस दौरान उनकी कार से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। सुकमा में उनके बेटे हरीश कवासी के सरकारी आवास पर भी ईडी की टीम पहुंची। इसके अलावा, नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी ईडी का छापा पड़ा। सुकमा में ईडी की टीम ने 10 से अधिक अधिकारियों के साथ पांच वाहनों में पहुंचकर कार्रवाई की।
Kawasi Lakhma ED Raid Today Live Updats : बता दें कि, छत्तीसगढ़ में 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पहले ही एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अधिकारी अवैध सिंडिकेट के जरिए इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे।
कथित रूप से, आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस सिंडिकेट की जानकारी थी, और वे कमीशन के एक बड़े हिस्से के लाभार्थी थे। बताया जा रहा है कि उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिए जाते थे।
ईडी की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे कर सकती है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़ी यह कार्रवाई राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में भूचाल ला सकती है। अब सभी की नजरें ईडी की आगे की जांच पर टिकी हैं।
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