Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates || Image- IBC24 News File
Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates: रायपुर: कोरबा जिले के कटघोरा से डोंगरगढ़ तक प्रस्तावित केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना लगातार देरी का शिकार हो रही है। यह परियोजना अपने तय समय से लगभग दो वर्ष पीछे चल रही है। इसके पीछे दो मुख्य कारण माने जा रहे हैं। पहला, परियोजना मार्ग की भौगोलिक जटिलता और दूसरा, राज्य एवं केंद्र सरकार के बीच समन्वय की कमी।
पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार पर इस परियोजना को लेकर उदासीन रवैया अपनाने के आरोप लगे थे, जिससे इसका काम धीमा पड़ गया था। हालाँकि, सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी और रुके हुए कार्यों को दोबारा गति दी गई।
Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates: इस परियोजना में तेजी लाने के लिए तखतपुर के भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने विधानसभा में अशासकीय प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव को अब केंद्रीय रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा ताकि परियोजना के अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। जनप्रतिनिधियों को उम्मीद है कि उनके इस प्रयास से परियोजना कार्य में गति आएगी और इस क्षेत्र के लोगों को बहुप्रतीक्षित रेल सुविधा का लाभ मिलेगा।
दूसरी ओर, डोंगरगढ़-कटघोरा रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। प्रभावित किसानों का कहना है कि प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले उन्हें कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी, न ही उनकी सहमति ली गई। किसानों को डर है कि उनकी खेती की जमीन जाने के बाद उनकी आजीविका प्रभावित होगी और वे बेरोजगारी के संकट में आ जाएंगे।
Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates: किसानों ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि इस परियोजना का सर्वे 2016 में पूरा हो गया था, लेकिन तब से अब तक जमीन की स्थिति में कई बदलाव हो चुके हैं। कई किसानों ने अपने खेतों में बोरिंग करवा ली है, कुछ ने मकान बना लिए हैं, तो कुछ ने अपनी भूमि को सुरक्षित करने के लिए बाड़बंदी करवा ली है। किसानों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण से पहले दोबारा सर्वे किया जाए, उचित मुआवजा तय किया जाए और प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
इस परियोजना की योजना भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थी, जिसके तहत डोंगरगढ़ से कवर्धा होते हुए कटघोरा तक 277 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का प्रस्ताव रखा गया था। इस परियोजना की अनुमानित लागत 4821 करोड़ रुपये तय की गई थी और अक्टूबर 2018 में इसका भूमिपूजन भी किया गया था। हालांकि, छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद परियोजना ठप हो गई थी, लेकिन अब इसे दोबारा गति मिल रही है। पांच महीने पहले छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन को 300 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली थी, जिससे इस रेलमार्ग पर तेजी से काम होने की संभावना जताई जा रही है।
Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates: यह रेल परियोजना यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी। इससे डोंगरगढ़, कवर्धा और आसपास के क्षेत्रों को विशेष लाभ मिलेगा। इस परियोजना से कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन में सुविधा होगी, जिससे व्यापार और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
इस रेल लाइन पर डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच लोहारा, गंडई, छुईखदान सहित 12 स्टेशन और कवर्धा से कटघोरा के बीच पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, काठाकोनी सहित 15 स्टेशन बनाए जाने हैं। यह रेलवे रूट जुड़ने से क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास तेज होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा।
Katghora-Dongargarh Rail Line Latest Updates: सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार बातचीत जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस परियोजना से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालकर इसे पूर्ण किया जाएगा।