रायपुर। CG ki Baat: छत्तीसगढ़ को अलग प्रदेश बने 25 बरस हो गए। यहां अब तक तकरीबन हर सरकार का टास्क रहा है, प्रदेश में समेकित विकास के लिए कार्य करना। संभावनाओँ से भरे नए सेक्टर्स में निवेश लाना, ऐसी इंडस्ट्रीज लाना जिसमें यूथ को रोजगार मिले। पिछली हर एक सरकार ने निवेश लाने कई बार इंवेस्टर समिट किए, उद्योग नीति में बदलाव भी किए। अब मौजूदा साय सरकार भी दिल्ली के बाद अब मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट करने जा रही है। सरकार का दावा है उनका फोकस रोजगार और बड़े निवेश पर है ना की बड़े इवेंट पर विपक्ष पूछ रहा है सरकार बताए वास्तव में जमीन पर कोई निवेश आएगा ?
छत्तीसगढ़ में साय सरकार अब प्रदेश में निवेश को लेकर काफी सक्रिय है। बीते माह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली में इन्वेस्टर्स मीट कर कुछ जाने-माने उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश का न्योता दिया, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियों के साथ 4000 करोड रुपए से ज्यादा के MOU हुए, कुल मिलाकर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले। अब CM विष्णु देव साय गुरुवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट कर रहे हैं जिसमें कृषि, फार्मास्यूटिकल, हर्बल ,स्टील, सीमेंट, टेक्सटाइल जैसे कुछ चुनिंदा सेक्टर से जुड़े उद्योगों को लाने का प्रयास है, इसे लेकर राज्य सरकार के अफसर सीधे उद्योगों को एक प्रेजेंटेशन देंगे, मुंबई इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में ना सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी निवेशक भी शामिल होंगे। उम्मीद है इस बार भी हजारों करोड़ का ठोस निवेश मिलेगा।
BJP सरकार का दावा है, नई उद्योग नीति के तहत कर, भूमि और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देगी, ये नीति उद्योग स्थापना तय करने, प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने पर जोर देगी। दिल्ली के बाद मुंबई में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर मीट को लेकर सत्तापक्ष का कहना है 5 साल पिछली भूपेश सरकार ने केवल बड़े इवेंट किए, रियय इन्वेस्टमेंट सिफर रहा, और अगर इन्वेस्ट हुआ तो केवल कांग्रेस नेताओं पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, ढाई-ढाई साल के फार्मूले के चलते पिछली सरकार के वक्त छत्तीसगढ़, कांग्रेस का ATM बनकर रह गया था।
Read More: #SarkarOnIBC24: निकाय चुनाव का शोर.. बैठकों पर जोर, दावेदार तैयार.. रायशुमारी की दरकार
CG ki Baat: इधऱ, सरकार के दावे को हवा-हवाई बताते हुए विपक्ष ने पटलवार कर कहा कि बीजेपी सरकार कब तक केवल पिछली सरकार पर आरोप लगाकर काम चलाती रहेगी ? अब बारी बीजेपी सरकार की है उन्हें प्रदेश में जमीन पर कितना निवेश आया बताना चाहिए। कुदरती खूबसूरती के साथ-साथ संसाधनों से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ में हर सरकार का टार्गेट होता है। उद्योगों को आकर्षित कर नई इकाईयों की स्पापना करना ताकि सरकार को रेवेन्यू और जनता को रोजगार मिल सके। ये भी सही है कि इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने के हर सरकार के अपने तरीके होते हैं। अब सवाल ये है कि, प्रदेश की नई उद्योग नीति के साथ, दिल्ली के बाद, मुंबई में इन्वेस्टर मीट से प्रदेश को वास्तव में क्या मिलता है ?
Follow us on your favorite platform: