रायपुर। CM Sai flagged Interceptor vehicles: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज 15 नई इंटरसेप्टर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ये वाहन छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण में मददगार होंगे । मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डीजीपी अशोक जुनेजा को इंटरसेप्टर वाहनों की चाबी सौंपी ।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ,कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप , सांसद संतोष पांडे , विधायक अनुज शर्मा और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे । इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से यातायात नियमों का पालन कर अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों से वाहनों के उपयोगिता और तकनीकी विशेषताओं की ली जानकारी ।
उन्होंने कहा कि इन वाहनों के जरिए ओवरस्पीडिंग, ड्रिंक एंड ड्राइव और सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्यवाही । ये वाहन स्पीड रडारगन, ब्रेथ एनालाइजर, सर्विलांस कैमरा से लैस होगा । इसके जरिए गाड़ियों के ग्लास की पारदर्शिता और ध्वनि की तीव्रता की भी जांच होगी । यह गाड़ियां 15 जिलों के लिए रवाना की गई ।
छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण के लिये सर्वसुविधायुक्त इंटरसेप्टर वाहनों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। ताकि ओवर स्पीडिंग, नशे में वाहन चलाना, निर्धारित मापदण्ड से अधिक चकाचौंध के हेड लाईट्स, वाहन में लगे ध्वनि यंत्रों की तेज आवाज मापने तथा वाहनों के ग्लास में निर्धारित मापदण्ड से अधिक गहरी काली फिल्म लगाकर अपराध करने वाले वाहन चालको के विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।
15 नवीन इंटरसेप्टर वाहन मिलने से नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को चिन्हित कर कार्यवाही की जा सकेगी। इन वाहनों में ध्वनि विस्तारक यंत्र तथा 360 डिग्री निगरानी हेतु सर्विलांस कैमरा भी है, जिससे सड़क दुर्घटना के मामले में कानून व्यवस्था की स्थिति की बेहतर निगरानी और सुगम यातायात प्रबंधन की कार्यवाही भी कर पाएंगे।
राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा निधि प्रबंधन समिति की अनुशंसा पर राज्य शासन से प्रशासकीय स्वीकृति के बाद सड़क सुरक्षा कोष मद से इन वाहनों का प्रबंध किया गया है। वर्तमान में नवीन इंटरसेप्टर वाहनों की तैनाती जिला रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा, जगदलपुर, कांकेर में की जा रही है। इन 15 जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों के संचालन हेतु कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।