Formation of new districts in Chhattisgarh CM Sai Latest Reaction: रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के गठन के बाद से आज की तारीख तक 33 जिलें और 5 संभाग है। पिछली सरकार ने इस दिशा में तेजी दिखाते हुए कई नए जिले का गठन किया था। इनमें सक्ति और गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले भी शामिल थे। बहरहाल छत्तीसगढ़ में 36 जिले होने की बातें लम्बे वक़्त से कही जाती रही हैं लेकिन सीएम विष्णु देव साय की इस पर प्रतिक्रिया अलग हैं। मीडिया ने जब उनसे नए जिले के गठन पर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। इसके साथ ही बड़े नगरीय निकायों के उन लोगों को झटका लगा है जो लम्बे वक़्त से अपने क्षेत्र को जिले के तौर पर पुनर्गठित करने की मांग सरकारों से कर रहे थे।
दरअसल जशपुर जिले के पत्थलगांव को जिला बनाये जाने की मांग पुरानी रही हैं। यहाँ के जनप्रतिनिधि भी अक्सर इस मांग के साथ बताते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में भी यह मुद्दा छाया हुआ था। भाजपा की विधायक गोमती साय ने क्षेत्र के लोगों की इस मांग का समर्थन किया था। गोमती साय के जीतने और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद उनकी उम्मीदे बढ़ गई थी लेकिन CM के ताजा बयान से उन्हें झटका लगा है।
Formation of new districts in Chhattisgarh CM Sai Latest Reaction हालांकि पत्थलगांव ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के कई नगरीय क्षेत्रों को जिला बनाये जाने की मांग पुरानी है। इनमें जशपुर नगर में पत्थलगांव के अलावा कांकेर में अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग करीब पांच वर्ष से की जा रही है। सुकमा के जगरगुंडा को जिला बनाने की मांग स्थानीय स्तर पर हुई है। सरगुजा संभाग में प्रतापपुर-वाड्रफनगर के साथ राजपुर और भाटापारा को भी जिला बनाने की मांग पुरजोर तरीके से की जा रही है। कोरबा जिला में शामिल कटघोरा को अलग जिला बनाने की मांग करीब 13 वर्षों से की जा रही है। इसके लिए कटघोरा क्षेत्र में कई आंदोलन भी किये जा चुके है। इसी तरह भाटापारा को अलग जिला बनाने की मांग भी लंबे समय से हो रही है।
गौरतलब हैं कि प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसका लक्ष्य राय के रहवासियों की शासन-प्रशासन तक पहुंच को सरल-सुगम बनाना है। प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण से लोगों के समय, श्रम और धन की बचत होगी। जिला बनने से प्रशासनिक काम-काज में कसावट आएगी और लोगों के शासकीय काम-काज सहजता से होंगे। सुदूर अंचल के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी। नए जिले के गठन से विकास की नई श्रृंखला शुरू होगी। नये जिले के गठन से अंचल में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं और बेहतर होगी।
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छत्तीसगढ़ के सभी 33 जनपद 5 संभागों के अंतर्गत विभाजित किये गए हैं। ये पांच संभाग- बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग हैं। संभागों के अनुसार जिलों की सूची यहां से देख सकते हैं।
सरगुजा संभाग के अंतर्गत 6 जिले बलरामपुर – रामानुजगंज, जशपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़ – चिरमिरी, सूरजपुर, सरगुजा आते हैं।
बिलासपुर संभाग के तहत बिलासपुर, गौरेल्ला – पेंड्रा – मरवाही, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ति, सारंगढ़- बिलाईगढ़ आते हैं।
दुर्ग संभाग के अंतर्गत बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, कबीरधाम, खैरागढ़ – छुई खदान – गंडई, मोहला – मानपुर चौकी, राजनांदगांव को शामिल किया गया है।
रायपुर संभाग के तहत रायपुर, बलौदा – बाजार, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद आते हैं।
बस्तर संभाग के तहत बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और कांकेर जिलों को शामिल किया गया है।