Fiscal Health Index 2025: Chhattisgarh got 2nd Rank

Fiscal Health Index 2025: वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक 2025 में बजा छत्तीसगढ़ का डंका, बड़े-बड़े राज्यों को पछाड़कर पहुंचा दूसरे पायदान पर, इन राज्यों की हालत खस्ता

Fiscal Health Index 2025: वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक 2025 में बजा छत्तीसगढ़ का डंका, बड़े-बड़े राज्यों को पछाडकर पहुंचा दूसरे पायदान पर, इन राज्यों की हालत खस्ता

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Modified Date: January 25, 2025 / 12:16 PM IST
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Published Date: January 25, 2025 11:56 am IST
HIGHLIGHTS
  • वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक 2025 जारी
  • छत्तीसगढ़ ने दूसरे स्थान पर जमाया कब्जा
  • बड़े-बड़े राज्यों की हालत खराब

नयी दिल्ली:  Fiscal Health Index 2025:  खनिज संसाधनों से भरपूर ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड शुक्रवार को जारी नीति आयोग की पहली राजकोषीय सेहत सूचकांक रिपोर्ट में शामिल राज्यों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले ‘अचीवर’ बनकर उभरे हैं। ‘राजकोषीय सेहत सूचकांक 2025’ शीर्षक रिपोर्ट में 18 प्रमुख राज्यों को शामिल किया गया है। ये राज्य भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), जनसांख्यिकी, कुल सार्वजनिक व्यय, राजस्व एवं समग्र राजकोषीय स्थिरता में अपने योगदान के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर संचालित करते हैं।

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Fiscal Health Index 2025:  रिपोर्ट कहती है कि पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल राजकोषीय सेहत सूचकांक (एफएचआई) में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं। राज्यों की राजकोषीय स्थिति के बारे में समझ विकसित करने के उद्देश्य से तैयार की गई इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक को ‘अगली कतार’ वाली श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट को 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने जारी किया।

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रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा 67.8 के उच्चतम समग्र अंक के साथ राजकोषीय सेहत के मामले में उत्कृष्ट स्थिति में है। यह व्यय की गुणवत्ता और राजस्व जुटाने के तहत औसत से बेहतर प्रदर्शन के साथ ऋण सूचकांक (99.0) और ऋण स्थिरता (64.0) रैंकिंग में शीर्ष पर है। ओडिशा के साथ गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने भी 2014-15 से 2021-22 की अवधि में उच्चतम औसत एफएचआई अंक हासिल किया। इसके उलट केरल और पंजाब व्यय की कम गुणवत्ता और ऋण स्थिरता से जूझ रहे हैं। पश्चिम बंगाल भी राजस्व जुटाने और ऋण सूचकांक के मुद्दों का सामना कर रहा है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में राजकोषीय घाटा अधिक है जबकि हरियाणा की ऋण स्थिति खराब है। राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक की गणना में इस्तेमाल किए जाने वाले आंकड़े नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से जुटाए जाते हैं।

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"राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक" में ओडिशा का प्रदर्शन क्यों बेहतर है?

ओडिशा ने व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाने, ऋण स्थिरता और सूचकांक में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे इसे उच्चतम स्कोर (67.8) मिला।

"राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक" में पंजाब और केरल पीछे क्यों हैं?

पंजाब और केरल में व्यय की गुणवत्ता कम है और उच्च ऋण स्थिरता समस्याएँ बनी हुई हैं।

"राजकोषीय घाटा" से आंध्र प्रदेश कैसे प्रभावित हुआ?

आंध्र प्रदेश में राजकोषीय घाटा अत्यधिक होने के कारण इसका प्रदर्शन सूचकांक में नीचे रहा।

"राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक" रिपोर्ट को कौन जारी करता है?

यह रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा जारी की जाती है और इसे 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने प्रस्तुत किया।

"राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक" का उद्देश्य क्या है?

इसका उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिति और आर्थिक स्थिरता का आकलन करना है ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
 
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