Charan Das Mahant : रायपुर। वैसे तो चुनाव लोकतंत्र का उत्सव कहलाते हैं। चुनाव हमेशा से किसी द्वंद्व युद्द से कम नहीं रहे। आज के दौर में चुनाव जमीन के साथ-साथ सोशल प्लेटफार्म्स पर भी लड़े जाते हैं। युद्ध हैं तो सियासी हथियार भी होंगे। मसलन बीजेपी हर दिन सोशल मीडिया पर एक-एक कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ कार्टून जारी कर जमकर वार कर रही है, जो की बड़ा स्वाभाविक है। लेकिन, सवाल उठ रहा है कांग्रेसी खेमे को लेकर। सवाल ये कि क्या इस बार 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस ने लड़ाई से पहले ही हथियार डाल दिए हैं। हार स्वीकार कर ली है ? ये सवाल इसीलिए उठा है, पार्टी के सीनियर नेता, नेता प्रतिपक्ष और कोरबा से कांग्रेस कैंडिडेट के पति डॉ चरणदास महंत के ताजा बयान से।
एक तरफ चुनाव मैदान में जीत के दावों का शोर है, तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ चरणदास महंत का ये बयान, जो खुलकर ये स्वीकार करते हैं कि 2023 में प्रदेश में हार के लिए पिछली सरकार के मुखिया यानि CM, कैबिनेट मंत्री और वो खुद हैं। ये सब मिलकर माहौल नहीं बना पाए और तो और पहले चरण की वोटिंग के इतने कबीर, महंत ये भी कहते हैं कि कोरबा में कांग्रेस के पक्ष में अब तक माहौल नहीं बन पाया है।
इधऱ, बीजेपी के निशाने पर है पूर्व CM, प्रत्य़ाशी और पूरी कांग्रेस पार्टी है। सभा-रैली में प्रहार के साथ-साथ बीजेपी का कार्टून वॉर जारी है। मंगलवार को भी सोशल मीडिया X पर बीजेपी ने कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को नेताप्रतिपक्ष डॉ चरणदास की कठपुतली दिखाते हुए तंज कसा। इसके पहले भी बीजेपी अपने कार्टू्न्स में ज्योत्सना महंत को निष्क्रीय और बाहरी बताते हुए घेर चुकी है। बीजेपी कहती है, कि सभी सीटों पर कांग्रेसी सरेंडर मोड में हैं।
साफ है बीजेपी का वार और चुनावी प्रचार दोनों ही चरम पर है। निशाने पर पूर्व CM समेत पिछली कांग्रेस सरकार है। दूसरी ओर करप्शन समेत विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी के चौतरफा तीखे प्रहार के बीच सीनियर कांग्रेसी नेता, नेता प्रतिपक्ष, मौजूदा सांसद के पति का ये कहना कि 24 के चुनाव में अब भी कांग्रेस के पक्ष में माहौल नहीं है, क्या ये अभी से हार स्वीकार करने जैसा है ? क्या अभी से कांग्रेसी सरेंडर मोड में हैं?
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3 hours ago