CM Bhupesh Baghel MGNREGA scheme : रायपुर। कृषक अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर रहते हैं। लेकिन सिंचाई की सुविधा न हो पाने से कृषि कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं। किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या में से एक समस्या नलकुप भी है। किसान को नलकुप के द्वारा अपने खेत की सिंचाई कर सकता है। ऐसे में सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी अपने स्तर पर योजनाओं का संचालन करती है। इसी कड़ी में भूपेश सरकार ने भी अपने प्रदेशवासियों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरुवात की, जिससे कृषकों को आर्थिक रूप से सहायता मिल सके।
प्रदेश में पहले असिंचित क्षेत्र जहां वर्षा के पानी पर कृषक निर्भर हुआ करते थे। वहीं आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जल संवर्धन के कार्यों को प्राथमिकता से स्वीकृत कर कृषकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मनरेगा मील का पत्थर साबित हो रहा है। जैसा कि आप सभी जानते हैं… परंपरागत ढंग से जलस्रोत के साधनों के रूप में तालाबों का निर्माण किया जाता रहा है। पुराने जमाने में भी यह पेयजल, सिंचाई और निस्तारी का प्रमुख साधन हुआ करते थे। आधुनिक दौर में जलस्रोतों के उन्नत रूप में बोरिंग और नलकूप जैसी सुविधाओं के चलते वर्तमान समय में, ये पारंपरिक महत्वपूर्ण जल स्त्रोत गंदगी का केन्द्र बन गए हैं। इससे इतर आज भी गांवों में तालाबों की सुरक्षा के प्रति ग्रामीण और पंचायतें सजग हैं।
भूपेश सरकार के कार्यकाल में आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से निर्मित परिसंपत्तियों का लाभ लेकर हितग्राही अपने आजीविका के क्षेत्रों का विस्तार कर रहे हैं। योजना से निर्मित कूप निर्माण का लाभ एक और सिंचाई साधनों के रूप में ही रहा है तो दूसरी तरफ में कूप जल संरक्षण एवं जल विस्तारी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीणों की सजगता का ‘परिणाम’ राज्य सरकार की योजनाओं के सहयोग से सफलता की कहानी में भी तब्दील हो जाता है। ऐसे ही एक
सफल कहानी जनपद पंचायत उदयपुर के ग्राम पंचायत सरगवां निवासी भगत सिंह की है। जो वर्ष 2023-24 में निर्मित कूप निर्माण का लाभ कुछ इसी तरह से उठा रहे हैं।
भगत सिंह के पास 2.50 एकड़ जमीन तो थी लेकिन उसका उपयोग वह कभी नहीं कर पाता था क्योंकि उसके पास सिंचाई का कोई साधन नहीं था। वर्ष 2023-24 में 2.99 लाख रुपए की लागत में उसका कूप स्वीकृत हुआ, जिसे उन्होंने जी-जान लगाकर मात्र 04 माह में पूर्ण करा लिया। वर्तमान में बारिश से कूप में जलस्तर अच्छा भरा हुआ है। कूप बनने से उन्होंने इस बार बारिश में अरहर दाल एवं लकड़ा भाजी की खेती भी की है और आगे सीजन को देखते हुए आलू एवं टमाटर लगाने की भी तैयारी कर रहे हैं।
CM Bhupesh Baghel MGNREGA scheme : इस समय मनरेगा द्वारा निर्मित कूप किसान भगत सिंह के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। वे बताते हैं कि कूप का निर्माण हो जाने से परिवार खुश है। जल प्रबंधन कर खेतों में आसानी से सिंचाई कर पा रहे हैं जिससे खेतों में भी हरियाली है। कूप के बनने से जल संग्रहण में आसानी हुई है, इससे अलग-अलग तरह के फसल उत्पादन लेने की भी उम्मीद बढ़ गयी है। भूपेश सरकार की इस योजना से एक ओर जहां ग्रामीणों को रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर गहरीकरण के बाद से इस तालाब में मछली पालन भी प्रारंभ हो गया। इसके अलावा ग्राम पंचायत को इससे एक निश्चित आय भी हो रही है।
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