CG Ki Baat: रायपुर। प्रदेश और देश से नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्रीय गृहमंत्री 2026 की डेडलाइन तय कर चुके हैं। 2023 में प्रदेश में सत्ता में लौटते ही बीजेपी ने, नक्सलियों का पूर्ण सफाये को डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता बताया, जिसे पूरा करने के लिए साय सरकार, पुलिस फोर्सेज और प्रशासन ने मिलकर नक्सल फ्रंट पर जिस तरह मिलकर ऑपरेशन्स लॉन्च किए उसके नतीजे जमीन पर दिखने लगे हैं। जिसे अब विपक्षी दल कांग्रेस भी स्वीकार करने लगा है।
कानून-व्यवस्था पर सरकार को कोसने वाले विपक्ष के नेता अब ये मान चले हैं कि टार्गेटेड एनकाउंटर की वजह से प्रदेश में नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। हालांकि, विपक्षी धर्म निभाते हुए तारीफ के साथ-साथ वो फेक एंककाउंट नहीं होना चाहिए जैसी बातें दोहराते भी नजर आ रहे हैं, जबकि प्रदेश में अब तक फेक एनकाउंटर को लेकर एक भी घटना सिद्ध नहीं हुई है। सवाल ये है कि क्या फोर्सेज की कामयाबी के आंकड़ों के आगे वाकई अब कांग्रेस के पास सच स्वीकारने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है, या फिर उसके दिल की बात जुबान पर आ गई..?
बदहाल कानून व्यवस्था के आरोपों के साथ प्रदेश की बीजेपी सरकार को कोसने वाले विपक्षी दल के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, खुलकर ये स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में साय सरकार के आने के बाद बस्तर में टारगेटेड एनकाउंटर हुए हैं जिसका सीधा लाभ दिखता है। लेकिन, साथ ही वो केंद्र की मोदी सरकार के नक्सलवाद के खात्मे की डेडलाइन आगे बढ़ाने पर तंज भी कस रहे हैं। जाहिर है, PCC चीफ के इस बयान को सत्तासीन बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया। बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि, आखिरकार दीपक बैज ने विष्णु के सुशासन पर मुहर लगा ही दी। बीजेपी का दावा है कि साय सरकार में टार्गेटेड एनकाउंटर हो रहे हैं, जो कि नक्सलियों के खिलाफ साय सरकार का संकल्प है।
पहले 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव और फिर 2024 में देश के चुनाव में बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो तक में नक्सलवाद के खात्मे को डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता बताया है। प्रचार के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का दावा कर चुके हैं। ये भी सच है कि साय सरकार बनने के बाद 2024 में जनवरी से अब तक नक्सलियों के सफाए की दिशा में फोर्सेज को कई उपलब्धियां मिली हैं। सामने पुख्ता आंकड़े हैं जिसे जिसे अब विपक्ष ने भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है। लेकिन, साथ ही फेक एकाउंटर का जिक्र कर विपक्ष सरकार को घेरने से भी नहीं चूक रहा।