CG Congress News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद रार का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। इस्तीफे और निष्कासन के बाद अब कांग्रेसी बवाल की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। दर्जनभर पूर्व विधायक अलग अलग खेप में दिल्ली पहुंच रहे हैं। आखिर कांग्रेस में बवाल की क्या है वजह? क्यों बेलगाम हो रहे हैं नेता, देखिए इस रिपोर्ट में।
छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी इतिहास में पहली बार 22 सिटिंग विधायकों की टिकट कटी, लेकिन पहली ही बार में यह प्रयोग कांग्रेस को भारी पड़ा। 22 में से 15 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि अब जिन 22 तत्कालीन विधायकों की टिकट कटी थी, वे इस फैसले के खिलाफ रायपुर से दिल्ली तक आवाज बुलंद कर रहे हैं।
बागियों के निशाने पर प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल से लेकर सहप्रभारी चंदन यादव, टीएस सिंहदेव, पीसीसी चीफ दीपक बैज तक कई नेता हैं। इन नेताओं के खिलाफ बगावत को थामने कांग्रेस ने दो पूर्व विधायकों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित भी किया, लेकिन कांग्रेस को यह दांव भी उल्टा पड़ा। निष्कासन के विरोध में कई विधायक लामबंद हो गए। डॉ. विनय जायसवाल और बृहस्पत सिंह के साथ दर्जनभर विधायकों ने दिल्ली में झंडा बुलंद कर दिया है।
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दिल्ली जाने से पहले भी विधायकों का गुस्सा फूटा। विनय जायसवाल ने टीएस सिंहदेव पर कार्रवाई की मांग तो की ही, साथ ही दो टूक लहजे में कहा कि उनके ढाई साल को लेकर बयानों ने कई विधायकों के कैरियर ही नहीं, पार्टी की सरकार को भी निगल दिया।
दूसरी ओर पार्टी के जिम्मेदार बागी विधायकों के हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि ‘अगर पार्टी फोरम में कोई अपनी बात रखना चाहता है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। सार्वजनिक बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी’।
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वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी विधायकों के दिल्ली जाने पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते थे, वह सही थे। कांग्रेस नेताओं ने सरकार को सुख सुविधाएं पाने का साधन बना लिया था।
हार के बाद रार की पटकथा ने कांग्रेसी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। बागियों के गुस्से ने दिग्गज नेताओं को तो असहज कर ही दिया है। पार्टी को भी हार के कारणों पर नए सिरे से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे में पूर्व विधायकों की शिकायत पर कांग्रेस हाईकमान का क्या रुख होगा, इस पर हर किसी की निगाहें टिक गई हैं।