Third installment of Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana: रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते चार सालों में राज्य के नागरिकों के लिए कई बड़े निर्णय लिये हैं। चाहे बात बस्तर के आदिवासियों की हो या फिर शहरों में रहने वाले मजदूरों की। हर वर्ग के विकास के लिए भूपेश सरकार ने योजनाएं बनाई है। प्रदेश के किसानों के भी सरकार ने दर्जनों हितैषी फैसले लिये हैं। इसी के बदौलत राज्य में लगातार तेजी से खेती-किसानी में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। राज्य के किसान आधुनिक खेती की ओर भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली 9 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी से किसान पहले की तुलना में काफी मजबूत हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी फैसलों के चलते प्रदेश में सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं।
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने की मंशा से भूपेश सरकार द्वारा फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य में खेती-किसानी को बढ़ावा मिला है। इससे किसानों स्थिति में बदलाव आया है और वह समृद्ध हुए हैं। सीएम भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत 24.52 लाख किसानों को 1895 करोड़ रुपए की तीसरी किश्त जारी की।
प्रदेश सरकार की नीतियों और किसानों के हित में लिए गए फैसलों का ही यह परिणाम है कि राज्य में खेती- किसानी और किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी फैसलों की वजह से खेती-किसानी में किसानों की रुचि बढ़ी है। पहले से खेती छोड़ चुके किसान अब फिर से खेती-किसानी की ओर लौटने लगे हैं। वहीं युवा भी अब खेती-किसानी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश में कृषि का रकबा तो बढ़ा ही है इसके साथ ही धान की बंपर पैदावारी हो रही है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य में समृद्ध होती खेती-किसानी को देखते हुए भूपेश सरकार ने अब इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें खरीफ और उद्यानिकी की सभी प्रमुख फसल को शामिल कर लिया है। कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादक किसानों को भी इस योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपए सब्सिडी दी जा रही है। राज्य में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन शुरू किया गया है। इसके उत्पादक किसानों को वाजिब मूल्य मिले इसलिए राज्य में बीते दो सालों से कोदो, कुटकी-रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को उनके बैंक खातों में 1895 करोड़ रुपए और गोधन न्याय योजना के 65 हजार गोबर विक्रेताओं को 5 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि अंतरित की जाएगी। इसे मिलाकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना में अंतरित की जाने वाली राशि बढ़कर 23 हजार 893 करोड़ रुपए और गोधन न्याय योजना में अंतरित की जाने वाली राशि बढ़कर 507.14 करोड़ रुपए हो जाएगी। इसके अलावा 33 हजार 642 गन्ना उत्पादक किसानों को 57 करोड़ 18 लाख रुपए प्रोत्साहक राशि भी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना ने भी राज्य में खेती-किसानी को काफी हद तक मजबूती दी है।
छत्तीसगढ़ जैसे विपुल धान उत्पादक राज्य में फसल विविधीकरण समय की मांग और जरूरत है। सरकार इस बात को भलीभांति जानती है। राज्य में अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने में राजीव गांधी किसान न्याय योजना बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य की आबादी को पोषण युक्त खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए चावल के साथ-साथ अन्य खाद्यान्न फसलों, दलहन-तिलहन का उत्पादन जरूरी है। इसकी पूर्ति फसल विविधीकरण को अपनाकर ही पूरी की जा सकती है। राज्य सरकार ने किसानों और वनवासियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कृषि एवं वनोपज के वैल्यू एडिशन के लिए प्रोसेसिंग प्लांट तेजी से स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को और अधिक लाभ मिल सके।
Third installment of Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana: गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और उससे 37 लाख क्विंटल कम्पोस्ट के उत्पादन और उपयोग से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। किसानों के आमदनी में वृद्धि के लिए फसल विविधीकरण जरूरी है। इससे खेती को लाभकारी बनाने में मदद मिलती है। छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और खेती-किसानी समृद्ध बनाने में मददगार साबित हो रही है।