Chhattisgarh becoming the millet hub of the country

छत्तीसगढ़ बन रहा देश का मिलेट हब, देश का इकलौता राज्य जहां समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा मिलेट्स

Chhattisgarh becoming the millet hub of the country देश का इकलौते राज्य छत्तीसगढ़ जहां समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा मिलेट्स

Edited By :   Modified Date:  June 17, 2023 / 01:11 PM IST, Published Date : June 17, 2023/1:11 pm IST

Chhattisgarh becoming the millet hub of the country

रायपुर। छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बन रहा है। यहां राज्य सरकार द्वारा मिलेट की खेती को प्रोत्साहन देने के फलस्वरूप किसानों का रूझान कोदो, कुटकी और रागी की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में मिलेट की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन भी प्रारंभ किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा वर्ष 2021-22 में 16.03 करोड़ रूपए का 5 हजार 273 टन मिलेट और वर्ष 2022-23 में 39.60 करोड़ रूपए का 13 हजार 05 टन मिलेट समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। राज्य में खरीफ वर्ष 2023 में मिलेट्स की खेती का रकबा 96 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 01 लाख 60 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल मिलेट्स की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ-साथ इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर 03 हजार प्रति क्विंटल तथा रागी की खरीदी 3 हज़ार 377 रूपए प्रति क्विंटल तय की गई है। बीते सीजन में बीते सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34 हज़ार 298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रूपए में बेचा था।

बल्लूराम ने रागी की खेती से कमाए 68 हजार रूपए

डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम अमलीडीह के कृषक श्री बल्लूराम ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत धान के बदले 1 हेक्टेयर में रागी की फसल लगाई। जिसमें शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजनांतर्गत तैयार वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया तथा रागी फसल का बीज भी कृषक को निःशुल्क प्रदाय किया गया। जिसमें फसल कटाई के बाद 12 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ तथा रागी को विक्रय कर उन्हें राशि 68 हजार रूपए आय प्राप्त हुई। बल्लूराम ने बताया कि लागत और मुनाफा की तुलना उसके परम्परागत धान की फसल से करने पर उनका मुनाफा लगभग डेढ़ गुना अधिक प्राप्त हुआ है। अब प्रत्येक वर्ष अधिक से अधिक रकबे में रागी फसल लेंगे।

 

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पोषक तत्वों से भरपूर है मिलेट्स

देश के कई आदिवासी इलाकों में मोटे अनाज का काफी समय से प्रयोग किया जाता रहा है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत फायदेमंद है, इसलिए अब दूसरे इलाकों में भी इन अनाज का काफी इस्तेमाल किया जा रहा हैै। एक्सपर्ट के मुताबिक कोदो, कुटकी और रागी को प्रोटीन व विटामिन युक्त अनाज माना गया है। इसके सेवन से शुगर बीपी जैसे रोग में लाभ मिलता है। सरगुजा और बस्तर के आदिवासी संस्कृति व खानपान में कोदो, कुटकी, रागी जैसे फसलों का महत्वपूर्ण स्थान है।

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छत्तीसगढ़ को मिल चुका है राष्ट्रीय अवार्ड

गौरतलब है कि मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। मिलेट्स उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन के लिए प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता भी दी जा रही है। मिलेट्स की खेती में कम पानी और कम खाद की जरूरत पड़ती है। जिसके फलस्वरूप इसकी खेती में लागत बेहद कम आती है और उत्पादक कृषकों को लाभ ज्यादा होता है।

14 जिलों में मिलेट की होगी हाई-टेक खेती

राज्य में मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है। 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

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