रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश में पिछले कुछ वर्षो में गौ-तस्करी के मामलों में इजाफा हुआ है। (Chhattisgarh DGP’s circular on cow smuggling) राजधानी रायपुर के अलावा सभी संभागो में पिछ्ले कुछ सालों में बड़े तस्करों पर कार्रवाई भी की गई लेकिन चोर-छिपे और कथित तौर पर मिले संरक्षण के बदलौत गौ-तस्करी का यह काला खेल जारी है।
हालांकि प्रदेश की साय सरकार ने इस अपराध से सख्ती से निबटने के साफ सन्देश दे दिए है। इस बारें में बताया गया हैं कि, गौ तस्करी संज्ञेय और गैर जमानती अपराध होगा। सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा से ही गौवंश का परिवहन होगा जबकि बगैर अनुज्ञा गौवंश का परिवहन अवैध माना जायेगा। इतना ही नहीं बल्कि गाड़ी राजसात होगी और मालिक पर भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। बतया गया हैं कि गोवंश तस्करी से बने संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। इस पूरे कानून के सख्ती से पालन करने जिला स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए जायेंगे।
इस संबंध में डीजीपी कार्यालय की तरफ से प्रदेश भर की पुलिस के लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया गया हैं। नए कानून के मुताबिक़ अब गौ-तस्करी करने पर 7 साल की सजा तय कर दी गई है। इसी तरह 50 हजार रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान को भी जोड़ा गया हैं। नए कानून के मुताबिक़ अब खुद आरोपी को ही बेगुनाही का सबूत देना होगा।
डीजीपी की तरफ से जारी सर्कुलर में प्रदेश भर के पुलिस को सख्त हिदायत देते हुए कहा गया हैं कि गौ तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर पूरी रूट के पुलिस अधिकारी को दोषी समझा जाएगा। (Chhattisgarh DGP’s circular on cow smuggling) ऐसे में सभी के सर्विस बुक में नेगेटिव रिमार्क भी दर्ज होगा जबकि पांच नेगेटिव रिमार्क के बाद होगी अनुशंसनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार की तरफ से कृषक पशुओं की तस्करी और अवैध बिक्री पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।