CG Liquor Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर ED का शिकंजा कसता जा रहा है। शराब घोटाले के मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा आज ED के समक्ष पेश होने वाले हैं। दरअसल, ED को लखमा, उनके करीबियों के ठिकानों पर पड़े छापों में अहम सबूत मिले हैं। ED ने कवासी लखमा उनके बेटे हरीश को कुछ दस्तावेजों के साथ कल पूछताछ के लिए बुलाया है।
बता दें कि, ED ने कवासी लखमा और उनके बेटे को आज तलब किया है। 28 दिसंबर को ED ने कवासी लखमा, हरीश लखमा उनके के खास सुशील ओझा और ओएसडी जयंत यादव के यहां सहित सात जगहों पर छापा मारा था। इस छापे में महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किया गया था। इनके पास घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। हालांकि, कवासी लखमा ने जांच में पूर्ण सहयोग करने की बात कही है। बता दें कि, कवासी लखमा और हरीश लखमा 11 बजे ED दफ्तर पहुंचेंगे।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने बताया था कि उन्हें और पुत्र सहित अन्य को ईडी कार्यालय तलब किया गया है। साथ ही कहा कि वह अनपढ़ आदमी हैं, आबकारी अधिकारी ए.पी. त्रिपाठी और उनके ओएसडी ने जिस कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए बोलते थे वह उसमें हस्ताक्षर कर देते थे। लखमा के अनुसार घोटाले का मास्टरमाइंड एपी त्रिपाठी है। इसमें कितने करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है।
ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे थे। वहीं, रिपोर्ट्स की मानें तो ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था। इस मामले को लेकर 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ACB ने 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था।
FAQ:
ईडी ने कवासी लखमा को शराब घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। यह समन 2025 की शुरुआत में भेजा गया था।
कवासी लखमा पर छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले का आरोप है, जिसमें 2000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय हानि हुई थी।
ईडी ने इस मामले में 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी शामिल है।
कवासी लखमा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अनपढ़ होने के कारण कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें घोटाले की पूरी जानकारी नहीं थी।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 2161 करोड़ रुपये से ज्यादा की हानि होने की बात कही गई है।
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